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जागो, प्रवेश पूर्व जान लो पाठ्यक्रम की सच्चाई, महर्षि यूनिवर्सिटी का फर्जीवाड़ा

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बिलासपुर, 20 जुलाई 2024। 
निजी स्कूलों में डमी एडमिशन और जजिया कर जैसी फीस एक ज्वलंत समस्या है। इससे बड़ा घोटाला निजी विश्वविद्यालय में बगैर मान्यता चल रहा, पाठ्यक्रम और उसमें हो रहा ऐडमिशन बिलासपुर की एक बहुत पुरानी निजी यूनिवर्सिटी में पिछले दो शैक्षणिक सत्र में छात्रों को मान्यता संबंधी समस्या के कारण छात्रवृत्ति नहीं मिली। ढेरों शिकायत के बाद भी यह विश्वविद्यालय जिसका नाम महर्षि है इस बार फिर से छात्रों को ठगने के लिए निकल पड़ा है। सीधे शब्दों में इस विश्वविद्यालय में प्रवेश ठेका प्रथा पर दे दिया गया है। जिन लोगों ने ठेके पर यह काम लिया इवेंट मैनेजमेंट के पुराने चावल हैं, उन्हें पता था कि महर्षि का मान्यता संदिग्ध है। आचार संहिता के समय इस बैनर के संचालकों ने पहले छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री और बाद में उपमुख्यमंत्री के हाथों निजी स्कूलों के श्रेष्ठ शिक्षकों और प्रतिभाशाली छात्रों का सम्मान कार्यक्रम रखा। 
एलआरए भवन में हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री नहीं आए। तब जिले के पुलिस अधीक्षक को चीफ गेस्ट बनाया गया। छात्रवृत्ति संबंधित शिकायत की जांच कर रहे जांच अधिकारी के समक्ष विश्वविद्यालय के कथित ठेकेदार कागजों को लेकर उपस्थित नहीं होते एकमात्र कागज जो वो बताते हैं, वह विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों के मान्यता के संबंध में नहीं है बल्कि एक कांग्रेसी नेता द्वारा हाईकोर्ट में लगाए गए प्रकरण में स्थगन के संबंध में है। 
स्थानीय दैनिक अखबारों में महर्षि विश्वविद्यालय के प्रवेश संबंधी विज्ञापन के कोई मान्यता प्राप्त नहीं है आज भी गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दो दिन तक कार्यक्रम विज्ञापन के रूप में छपा है। पूरा खेल छात्रों को गुमराह कर के एडमिशन दिलाने का है। विश्वविद्यालय के उच्च स्तर पर छानबीन करने से यह पता लगता है कि बिलासपुर स्थित इस विश्वविद्यालय में प्रवेश का ठेका हो गया है।