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साय-साय की शाम, कब होगा उजाला

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बिलासपुर, 7 सितंबर 2024। 
छत्तीसगढ़ में शासन किसका चल रहा है लगभग 9 महीने का शासन पूरा होने के बाद भी राज्य के मुख्यमंत्री पूर्ण विश्वास में दिखाई नहीं देते। अभी एक हफ्ते पूर्व में ही राज्यपाल ने बिलासपुर जिले में कलेक्टर की बैठक ली। फिर गृहमंत्री ने ली, उप मुख्यमंत्री बनने के बाद अरुण साव प्रारंभ में सक्रिय दिखे पर प्रभावशाली नहीं। 
अभी हाल में ही दुर्ग के सांसद विजय बघेल ने प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी लिखी है। उन्होंने कहा है कि राज्य के शासकीय कर्मचारियों को संकल्प पत्र के माध्यम से जो भरोसा दिया गया था वह पूरा नहीं हो रहा। राज्य में मोदी की गारंटी लागू है। पर शासकीय कर्मचारियों को जो वादे किए गए थे वे यथार्थ में धरातल पर नहीं उतरे अभी हाल ही में कर्मचारी संगठन 1 दिन के सामूहिक अवकाश में जाने वाला था मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों से बातचीत की एक दिन की हड़ताल चल गई। इसके चलते कर्मचारी दो फाड़ हो गए। उनके बीच असंतोष भी बड़ा पुलिस भरती को लेकर बरसों से भटक रहे दावेदार का भी केवल आश्वासन का टानिक दिया जा रहा है। शिक्षा कर्मी का मसला भी है। फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वालों पर कार्यवाही नहीं हो रही है। राज्य में न्यायिक सहायता के दो उदाहरण दिखाई दे रहे हैं। स्ट्रीट लाइट जलने लगे इस काम के लिए भी उच्च न्यायालय को याचिका सुनना पड़ रही है। राज्य में न्यायालय का कितना सम्मान है इसका एक उदाहरण मध्य नगरी चौक कि यह राशन दुकान है। बोर्ड पर ही लिखा है। उच्चतम न्यायालय के आदेश से राशन कार्ड का ई केवाईसी जरूरी हुआ, नहीं हुआ, कब होना था इस प्रश्न की जगह इस बात पर ध्यान दें कि बिलासपुर में फर्जी बीपीएल कार्ड बनवा कर राशन का बड़ा घपला हो रहा है। पर इक्का दुक्का दुकानों पर कार्यवाही हुई और कार्यवाही की इति श्री हो गई। 
स्ट्रीट लाइट, जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, यातायात, शुद्ध पेयजल अर्थात रोड, नाली, बिजली, पानी, स्वच्छता राजस्व मामले सब पर निर्देश न्यायालय की ही होना है तब ऐसी सरकार चुनने पर मतदाता का रुष्ट होना स्वाभाविक है।