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डबल इंजन की सरकार में डबल जुल्म

स्टार कोचिंग और डमी स्कूल स्वयं को मानते हैं नियमों के ऊपर

24hnbc.com
बिलासपुर, 25 अप्रैल 2024। 
शिक्षा जगत में किशोरो के मानसिक विकास और तनाव के बीच संतुलन ना बिट्ठाल पाने के कारण सरकार ने कोचिंग संस्थानों को नियमों के दायरे में लाया है। यह बात दूसरी है कि छत्तीसगढ़ की डबल इंजन वाली सरकार इन नियमों को लागू करने में कोई रुचि नहीं दिखाई। प्रदेश भर में दैनिक अखबारों में बड़े कोचिंग संस्थान डंके की चोट पर दसवीं से ही कोचिंग में एडमिशन के विज्ञापन कटे हैं। दैनिक अखबारों में प्रकाशित होने वाले सभी विज्ञापन नियमों के खिलाफ हैं, पर आर्थिक लालच ने मीडिया प्रबंधन के नैतिक बल को समाप्त कर दिया है। 
दसवीं के पहले कोचिंग में दाखिला नहीं दिया जा सकता कोचिंग की टाइमिंग स्कूल की टाइमिंग से भिन्न होगी पर न्यायधानी में तो सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक कोचिंग संस्थाएं काम करती है। कोचिंग के स्टाफ के संबंध में भी नियम है पर लागू नहीं होता। बिलासपुर में शायद कोई ही ऐसी कोचिंग होगी जहां के कर्मचारियों का पीएफ बनता हो जबकि ऐसे दर्जनों कोचिंग है जहां पर स्टाफ की संख्या 20 से ज्यादा है। 
याद करें प्रशासन ने कोविड लॉकडाउन के दौरान कुछ कोचिंग संस्थानों पर छापा मारी की थी और डॉन और अनियमितता पाई थी। उसके बाद से कभी भी स्थानीय प्रशासन तो छोड़ो शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी इन सितारा कोचिंग में झांक नहीं, असल में स्कूलों से ज्यादा एक विशेष राजनीतिक दल का संरक्षण कोचिंग व्यवसाय को प्राप्त है और वे यहां पर अपना वोट बैंक देखते हैं। जब कोचिंग के बच्चे किसी राजनीतिक दल के लिए वोट बैंक बन जाए तो अन्य कार्यवाही ढीली रहनी ही है। बिलासपुर में तो मतदाता सूची में नाम कैसे जुड़े इसके लिए सीधे कोचिंग संस्थानों में ही जाकर नाम जोड़ दिए गए। स्कूलों के ऊपर फिर भी कुछ अंकुश है पर यह अंकुश उन्हें स्कूलों पर है जो केवल स्कूल चलाते हैं। ऐसे स्कूल जिनके मालिक कोचिंग संस्था चलाते हैं वहां तो कभी जिला शिक्षा विभाग के कर्मचारी झांकते तक नहीं, यही कारण है की कोचिंग संस्थानों पर और डमी स्कूल पर कोई कार्यवाही नहीं होती।