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एसीसी अदानी के खिलाफ 3 साल का दवा गुस्सा फिर से निकला, लोहर्सी में न हो सकी जनसुनवाई
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समाचार -
बिलासपुर, 3 नवंबर 2022। एसीसी अदानी सीमेंट प्लांट की जनसुनवाई आज लोहर्सी में भारी जन विरोध के बीच फिर नहीं हो पाई ग्रामीणों ने जनसुनवाई प्रारंभ होते ही अदानी वापस जाओ ग्रामीणों के शोषक को नहीं घुसने देंगे शिवनाथ का पानी हमारा है जैसे नारे लगाते हुए सुनवाई स्थल पर रखी हुई कुर्सियों को जमकर तोड़ा प्रशासन को ग्रामीणों के द्वारा किए जाने वाले जन विरोध की आशंका पूर्व से रही होगी इसलिए बड़ी संख्या में विभिन्न थानों के पुलिस लोहर्सी में सुबह 8:00 बजे से ही तैनात थी स्थिति तनावपूर्ण होता देख मंच पर बैठे हुए जिला प्रशासन, पर्यावरण विभाग और कंपनी के अधिकारी एक-एक करके सुनवाई स्थल से निकल गए । मंच के सामने बनी बेरीकटिंग के नीचे कांग्रेस के जिला ग्रामीण अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष नागेंद्र राय, मस्तूरी क्षेत्र के सक्रिय नेता टांकेश्वर पाटले, राजेश्वर भार्गव, जायसी, जयंत मनहर, दिलीप लहरिया, मनोहर कुर्रे युवा कांग्रेस नेता महेंद्र गंगोत्री ने काफी देर तक नारेबाजी की जनसुनवाई का समय 2:00 बजे तक था। तब तक जनसुनवाई स्थल से कोई नहीं हटा जनसुनवाई के संदर्भ में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मस्तूरी ने बताया कि. .... इस क्षेत्र में कुछ माह पूर्व ही लाफार्ज का खनन प्रारंभ हुआ है गोढाडीह में भी एक बड़ी खदान कार्यरत है जिससेे ग्रामीणों को बड़ी परेशानी है। बिना पूर्व सूचना विस्फोट होता है रोज सैकड़ों माल वाहक अनियंत्रित गति से चलते हैं कोई भी प्लांट या खनन क्षेत्र पर्यावरण के नियमों को नहीं मानता ऐसे में नए प्लांट को नहीं आने देंगे।
वहीं क्षेत्र के लोकप्रिय युवा नेता टांकेश्वर पाटले ने कहा कि क्षेत्र में एक ही बारहमासी नदी है जो पूरे प्रदेश की आत्मा है, शिवनाथ के खिलाफ ऐसा षड्यंत्र बर्दाश्त नहीं है जिस जमीन को अदानी पढ़ती बता रहा है उस जमीन से प्रत्येक वर्ष बड़ी मात्रा में धान पैदा कर सरकार को भेजी जाती है किसानों के परिवार का पालन होता है इस क्षेत्र में बड़ी मात्रा में आयुर्वेदिक औषधि वाले पौधे हैं कई गांव को जिला प्रशासन ने स्वयं आयुर्वेदिक गांव घोषित किया है ऐसे में अदानी मातृभूमि खोदने के लिए आबोहवा बिगाड़ने के लिए नहीं देंगे।
3 साल पूर्व गोढाडीह में एसीसी प्लांट के लिए जन सुनवाई हुई थी तब भी प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार यह प्लांट लगभग 200 करोड़ का था तब भी ग्रामीणों ने बड़ा तीखा विरोध किया था और जन सुनवाई स्थगित हो गई थी। इस बीच अदानी के द्वारा अंबिकापुर में कोयला खदान के लिए काटे जा रहे हसदेव के जंगल का विरोध बिलासपुर तक हुआ हसदेव बचाओ की रैलियां भी निकली इस तरह ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों का एसीसी प्लांट के खिलाफ हो जाना स्वभाविक है।