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अरपा पैरी के स्थान पर संघ शरण गच्छामि बन सकता है नया राज्य गीत

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बिलासपुर, 23 जुलाई 2024। 
2024 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का लक्ष्य 370 सांसद क्यों था, यह बात किसी से छिपी नहीं है वे 370 संसदीय सीटों पर जीतकर उसे संविधान को खत्म करना चाहते थे जो देश को धर्मनिरपेक्ष बनता है। जनता ने इस कुटिल चाल को समझा और भाजपा को 240 पर लाकर पटका। अब भाजपा के जिस जिस राज्य में भाजपा के मुख्यमंत्री हैं वे अन्य रास्तों के द्वारा भारतीय संविधान की मूल भावना को चोट पहुंचाने का यथा योग्य प्रयास कर रही है। इसी तारतम्य में पहला प्रयास उत्तर प्रदेश में हुआ व्यावसायिक प्रतिष्ठान अपने मालिक, कर्मचारियों का नाम प्रतिष्ठान के बाहर लिखेंगे। एक कदम आगे बढ़कर केंद्र सरकार ने 1966 के उसे सरकारी आदेश को खत्म कर दिया। जिसमें सरकारी कर्मचारी का आरएसएस, जमाते इस्लामी के कार्यक्रमों में जाना निशिध है। व्यावसायिक प्रतिष्ठान वाला आदेश परवान चढ़ पाता देश के सर्वोच्च अदालत ने उस पर रोक लगा दी। 
बात निकली तो दूर तलक जाति हम जानबूझकर जाती में छोटी इ की मात्रा लगा रहे हैं। वाजपेई मानसिकता खुले आम जातिवाद को बढ़ावा देती है। 80 - 20 तो दिखावा मात्र है। उनके नेताओं के मन में मनु के नियम वर्ण आश्रम, जाति व्यवस्था अंदर तक पोषित और पल्लवित होते हैं। आज तारीख तक आरएसएस ने एक बार को छोड़कर सर्वोच्च पद पर सवर्ण के अतिरिक्त कोई विराजमान नहीं हुआ। सर्वोच्च पद पर महिला को स्थान नहीं मिला भोजन पकाने वाला किस जाति का है जानने के बाद भोजन सामग्री, अनाज, मसाले जिस खेत में उगे इस किसान की जाति भी पुछ लेते किसानी के उपकरण विश्वकर्मा ने ही बनाये यह भी जान लेते। 
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पूर्व हमारी आंखों देखी है एक बाइक मलिक मोटरसाइकिल मिस्त्री की दुकान पर काम कराना चाहता था और मिस्त्री हिंदू हो तो अच्छा रहेगा। पर दुकानदार ने टरका दिया काम नहीं किया। न्यायालय रोज कब तक ऐसे विभाजनकारी सरकारी आदेश पर रोक लगाते रहेगी। अब तो कोई भी सामान्य आईक्यू वाला भी समझेगा कि संघ की शाखा में जाने से क्या लाभ है। टीआई से लेकर एसपी तक, तहसीलदार से लेकर कलेक्टर तक अभ्यास वर्ग 1 वर्ग 2 करते नजर आएंगे। कोई आश्चर्य नहीं की कुछ दिन बाद सरकारी कार्यालयों के पार्किंग स्टैंड पर संघ की शाखा सरकारी दफ्तर खोलने के पूर्व बंद होने के पश्चात लगती दिखाई दे। और संघ शरण गच्छामि राज्य सरकारों पर थीम गीत बन जाए।