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करोड़ों के इन्वेस्टमेंट वाली कोचिंग की मॉनिटरिंग कौन करेगा

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बिलासपुर, 27 अप्रैल 2024। 
स्कूल में हुई छुट्टियां और कोचिंग संस्थानों के धंधे का समय शुरू हुआ। जैसे ही किसी भी प्रतियोगी परीक्षा का रिजल्ट आता उसमें सफलता पाए हुए छात्र-छात्राएं तुरंत कोचिंग संस्थानों के लिए पोस्टर बॉय-गर्ल बन जाते हैं। इन दोनों दैनिक अखबारों के पृष्ठों पर यह देखा जा सकता है कि कैसे एक ही सफल छात्र-छात्रा का फोटो एक से अधिक कोचिंग संस्थान उपयोग कर रहे हैं। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने कुछ दिन पूर्व इन्हीं कारणों से केंद्रीय स्तर पर 20 कोचिंग संस्थानों को नोटिस दिया था और पांच पर एक-एक लाख का जुर्माना किया था। हालांकि यह सभी कोचिंग संस्थाएं आईएएस की कोचिंग चलती हैं। यदि भ्रामक दावों के चक्कर में ग्रेजुएट युवा फस सकते हैं तो स्कूली स्तर पर कोचिंग संस्थानों के चक्कर में ना केवल छात्र-छात्रा बल्कि उनके गार्जियन भी फसते हैं। कोचिंग संस्थानों का धंधा केवल भ्रामक विज्ञापन देने मात्र से नहीं चलता जिस दिन किसी भी स्कूल में पीटीएम (पेरेंट्स टीचर मीटिंग) या परीक्षा फल घोषित करने का दिन होता है वहां कोचिंग संस्थानों के मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव खड़े होकर ग्राहक की तलाश में लग जाते हैं। पहले मोबाइल नंबर पूछते हैं आप दो या ना दो कोचिंग वालों का स्कूल से सेटिंग पूर्व निर्धारित है। और आपके पास, आपके बेटे या बेटी के पास कोचिंग से फोन आने लगेंगे हालांकि भारत सरकार ने कोचिंग संस्थानों के लिए जो गाइडलाइन जारी की है। किसी भी कोचिंग में 16 साल से काम की उम्र में प्रवेश नहीं दिया जा सकता पर बिलासपुर में जो विज्ञापन प्रकाशित हो रहे हैं उसके अनुसार तो छठवीं से ही कोचिंग में दाखिला मिल जाएगा। अच्छे अंक या रैंक की गारंटी नहीं दी जा सकती पर यहां दी जा रही है। इस गाइडलाइन के अनुसार कोचिंग संस्थानों को फीस की रसीद देना भिन्न-भिन्न कोर्स का आलेख करते हुए प्रोस्पेक्टस जारी करना और नोट्स निशुल्क देने होंगे। पाठ्यक्रम के लिए पूरी फीस जमा कर दी है। और बीच में ही कोचिंग छोड़ रहा है तो बची हुई फीस 10 दिन के भीतर वापस करना है। कोचिंग संस्थान में ऐसे व्यक्ति को नियुक्ति नहीं दी जा सकती जो किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो। संस्थान अपनी वेबसाइट पर शिक्षकों की योग्यता, पाठ्यक्रम, पाठ्यक्रम सामग्री पूरा होने की अवधि, छात्रावास की सुविधा व उसका शुल्क का विवरण देना होगा। 
मेंटल हेल्थ के लिए भी समय समय पर वर्कशॉप करने होंगे छत्तीसगढ़ में बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, रायपुरा कोचिंग सेंटर के बड़े केंद्र हैं पर इन स्थानों पर शिक्षा विभाग या स्थानीय निकाय ने जिला प्रशासन से साथ मिलकर कभी भी कोचिंग संस्थानों और उनके हॉस्टल साथ में चल रहे डमी स्कूल का नाम तो निरीक्षण किया है नाही केंद्र सरकार द्वारा कोचिंग संस्थानों के लिए जारी दिशा निर्देश के पालन के लिए कोई कार्य योजना नहीं बनाई है। जबकि शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के सैकड़ो बच्चे इन्हीं संस्थानों में पढ़ रहे हैं।