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एकता के सूत्रधार थे शैलेश पांडे

उद्देश्य विहीन जिला कांग्रेस में क्यों बढ़ी गुटबाजी

24hnbc.com 
बिलासपुर, 8 मई 2024।
पहली नजर में कुछ लोग को लग सकता है कि यह क्या मामला है। बिलासपुर के पूर्व विधायक शैलेश पांडे को पार्टी की एकता का सूत्रधार क्यों कहा जा रहा है। असल में जब 2018 विधानसभा चुनाव के पूर्व शैलेश पांडे का कांग्रेस प्रवेश हुआ तब गूटो में भर्ती हुई बिलासपुर कांग्रेस नेताओं को आपस में जुड़े जाने का मोटो मिल गया। इस मोटो को और मजबूती मिली जब विधानसभा चुनाव में शैलेश पांडे ने कद्दावर नेता हैट्रिक से आगे बढ़ चुके अमर अग्रवाल को पटखनी दे दी। 
राजनीति के स्थानीय जानकार जिसमें पत्रकार भी शामिल है कहते हैं अमर को जनता ने हराया, कांग्रेसी तो हमेशा उन्हें जिताते थे। चुनाव में जब शैलेश पांडे की जीत हो गई तो शहर कांग्रेस और ग्रामीण कांग्रेस के नेताओं में एकता जबरदस्त बढ़ी उद्देश्य एक ही जी भर कर हर मौके पर कैसे इस जीते हुए विधायक को धूल चटाना है। मौके बेमौके आम जनता के बीच तो कभी मंच पर तमाम नेता किसी का नाम लेना या छोड़ने मायने नहीं रखता सबका एक ही काम था नगर विधायक को नीचा दिखाना। याद करें वह घटना जब दो नेता अकबर खान व तैयब हुसैन ने थाने में बैठकर अपने ही पार्टी के जीते हुए विधायक को क्या नहीं कहा उनका प्रवचन वायरल हो गया तो कांग्रेस ने एक जांच कमेटी बना दी यदि कमेटी की रिपोर्ट पर कार्यवाही हो जाती और जीते हुए जनप्रतिनिधि के विरुद्ध ऐसी घटिया टिप्पणी पर कार्यवाही हो जाती तो कांग्रेस का जो अपमान की कांग्रेस नेता अकबर खान गया जेल और तैयब हुसैन की गिरफ्तारी पर 5000 रूपए का इनाम जैसी हेडिंग से कांग्रेस बच जाती। 
शैलेश पांडे की हार के पीछे कांग्रेसी नेताओं की भीतर घात का कमाल है। शैलेश पांडे के हारने के बाद कांग्रेसी नेताओं का एकता का सूत्र ही समाप्त हो गया यही कारण है कि जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण चौहान ने पार्टी छोड़ दी, कोटा विधायक और जिला ग्रामीण के बीच अब पटरी नहीं बैठती। महापौर की कोटा विधायक से पटरी नहीं बैठती सबका एक कामन दुश्मन खत्म हो गया। नया कोई उद्देश्य है नहीं यदि 4 जून के मतगणना में कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव जीत जाते हैं तो कांग्रेसी नेताओं में फिर से एक जूटटा जाएगी। इसलिए नहीं की सांसद बन गया एकता इसलिए आएगी की जीते हुए कि अब रोज फजियत कैसे करनी है। बिलासपुर जिला कांग्रेस के नेताओं के बीच एकता नकारात्मक होती है इसे हम ध्यान में रखें।