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एसीसी, महावीर, पारस सबकी जनसुनवाई पर तीखा विरोध

ग्रामीणों की एक आवाज बिलासपुर नहीं बनेगा हसदेव

24hnbc.com
बिलासपुर, 30 मई 2024।
सूर्य देव के तपिश कहें या ग्रामीणों का आक्रोश अब यह निश्चित है कि जिले में होने वाले तीनों जनसुनवाई एक बार फिर टल गई। औद्योगिक क्षेत्र के सूत्र यह कहते हैं कि कोयला और खनन के उद्योगपतियों के बीच भी नकारात्मक प्रतिस्पर्धा के चलते जनसुनवाई नहीं हो पा रही। शंका की सुई आधुनिक श्रवण कुमार के तरफ घूम रही है। जिनका अपना राजनीतिक एजेंडा किसी से छुपा नहीं। आज दिन गुरुवार तारीख 30 मई जब जिला प्रशासन 44-45 डिग्री में भी 4 जून के मतगणना को लेकर अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं। कोटा तखतपुर क्षेत्र के दर्जनों गांव खरगहनी, पत्थर्रा, छेरका बांधा, खुरदूर, रानीतराई, कलमीटार, गौबंद, भाड़म, लमेर, बेलमुंडी, सकर्रा, छतौना, मुलैना, कोपरा जलाशय से सैकड़ों ग्रामीण महिला - पुरुष, युवा ने आज बिलासपुर कलेक्टर परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा के सामने अपना डेरा लगा लिया। उन्होंने वर्तमान सरकार को ग्रामोद्योग विरोधी बताते हुए पूंजीवाद का संरक्षक बताया। 
गौरतलब है कि महावीर कोलवासरी बेलमुंडी अपनी एक और प्रस्तावित इकाई की जनसुनवाई करा रहा है और उसे विस्तार यूनिट बताता है। ग्रामीणों का कहना है कि वहां कोई कोलवासरी नहीं है। जिसे कोलवासरी कहा जाता है, वहां तो खेत है। विस्तार यूनिट इसलिए कहा जा रहा है कि जनसुनवाई के नियम शिथिल हो जाएं गांव के पूर्व सरपंच के पति राजेश साहू ने जिला प्रशासन के 2021 के राजस्व अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाया उन्होंने कहा कि जहां उद्योग प्रस्तावित है वहां पेशा कानून लागू है। और 52 एकड़ कृषि जमीन आदिवासियों से उद्योगपति के झारखंड निवासी क्रय हुई नामांतरण के पूर्व ही उसे भूमि का व्याप्तवर्तन उद्योग में उद्योगपति के नाम दिखाई देने लगा। झारखंड में रहने वाले राजेंद्र सिंह गौड के पास 52 एकड़ आदिवासी जमीन खरीदने के लिए धन कहां से आया। 
कोयला घोटाला की ₹25 प्रति टन के घोटाले पर ईडी आधा दर्जन से ज्यादा गिरफ्तारी करती है। दर्जनों जगह छापा मारती है पर एक राजनीतिक संरक्षण प्राप्त उद्योगपति का ड्राइवर 52 एकड़ जमीन क्रय करता है ना ईडी को दिखता ना ईओडब्ल्यू को उलट जिले के राजस्व अधिकारी उद्योगपति के पीछे दुम हिलते हैं। ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा मतगणना तिथि के पश्चात तीव्र आंदोलन होगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। हम बिलासपुर को दूसरा हसदेव नहीं बनने देंगे।
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