No icon

24hnbc

उफ़ इतना बदबूदार समाज हमने रच लिया है

24hnbc.com 
गोबर पट्टी की शिक्षा व्यवस्था किस कदर पटरी से उतर चुकी है इसका एक उदाहरण मध्य प्रदेश में जबलपुर उच्च न्यायालय के आदेश से नर्सिंग महाविद्यालय की जांच के विषय में सीबीआई की स्वीकारोक्ति है। सीबीआई ने खुद स्वीकार किया कि उनके अधिकारी निरीक्षण के बाद अनुकूल रिपोर्ट देने के लिए हर शिक्षण संस्था से 2 से 10 लख रुपए रिश्वत ले रहे थे। सीबीआई के इस खुलासे ने नर्सिंग पाठ्यक्रम चला रहे महाविद्यालय के निर्देशकों, अध्यक्षों, कर्मियों, बिचौलियों के भी नाम है।
मध्य प्रदेश में पूरी शिक्षा व्यवस्था गणित में चली गई याद करें रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (विशेष कर मेडिकल) का नंबर बढ़ाओ कांड जिसमें पैसे से लेकर शरीर तक दाव पर लग रहा था, व्यापम घोटाला, पटवारी भर्ती घोटाला एक कदम आगे बढ़कर सत्ता परिवर्तन के लिए हनी ट्रेप घोटाला और इतने सबके बावजूद सरकार का लगातार सत्ता में बने रहना यह बताता है कि 10 साल में गोबर पट्टी के दिमाग में पूर्णता गोबर भरा गया है। गाय के गोबर में लक्ष्मी और मूत्र में मां गंगा को स्वीकार कर लेने के बाद सब कुछ यथा स्थिति अच्छा लगता है। रिश्वत लेते पकड़े गए हैं का दूसरा सत्र रिश्वत देकर छूटेंगे देश की जांच एजेंसियां पूरी तरह सड़ गई है और यह सड़ना 10 साल में हुआ। सीबीआई, आईटी, ईडी सब के अधिकारी लेने की कला में आगे बढ़ रहे हैं। पकड़े भी जाते हैं तो फिर देकर छुटते हैं। सीबीआई के निरीक्षण अधिकारियों द्वारा ली जा रही रिश्वत हिंदी अखबार के अंदर के पेजों में पांच सात लाइन में छाप दी जाती है और इतिश्री हो जाती है।
बिलासपुर उच्च न्यायालय में भादू साहब नाम के एक जस्टिस थे ने निजी मेडिकल कॉलेज की मान्यता बचाने के लिए लंबी रिश्वत ली थी जस्टिस पद से रिटायर होने के बाद जेल भी गए उन उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि हमारे प्रोफेशनल शिक्षा संस्थानों में कितने घटिया दर्जे का मानव संसाधन तैयार हो रहा है। हमारा समाज किस तरह लिजलीजा हो चुका है।