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झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर में पशुओं की जान संकट में

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बिलासपुर, 21 मार्च 2025। 
इंसानी जान झोलाछाप डॉक्टरों के कारण संकट में पढ़ती हुई खूब सुनी और देखी जाती है। पर हम पशु चिकित्सा क्षेत्र में बढ़ रहे झोलाछाप डॉक्टरों की बात कर रहे हैं। इन दोनों इंस्टाग्राम, एक्स, ट्विटर जैसी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ऐसे झोलाछाप डाक्टर खूब लाईक और प्रशंसा पा रहे हैं।
इस संबंध में शासकीय वेटरनरी अस्पताल के डॉक्टर राम ओत्तलवार ने कहा कि यह वास्तव में बड़ी विडंबना है। बगैर कहीं से प्रशिक्षण प्राप्त युवक युवतियां सड़क पर विशेष कर कुत्तों का मनमर्जी इलाज करते रहते हैं, और एक छोटी सी पंजीकृत समिति बनाकर क्राउड फंडिंग भी लेते हैं। यहां तक की कुछ के खातों में तो विदेश तक से पैसा आ जाता है। 
हम शासकीय अस्पतालों में न्यूनतम योग्यता रखने वाले से ही पशुओं की दवा पट्टी कराते हैं। इंजेक्शन और आईबी के मामले में तो डॉक्टर ही खड़ा होता है पर इन दिनों ऐसी शिकायतें आ रही है कि रेबीज के इंजेक्शन से लेकर वैक्सीन भी सड़क पर ही लगा दी जाती है। यह कैसे हो रहा है वैक्सीन और रेबीज के इंजेक्शन कहां से उपलब्ध हो रहे हैं यह जांच का विषय है। 
डॉक्टर ने कहा कि वो लोग जो अपने घर पर पालतू पशु रखते हैं वे हमेशा याद रखें कि पाले हुए जानवर को योग्य प्रशिक्षित और वेटरनरी डॉक्टर से ही चिकित्सा कारायें। उत्साही झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर में कभी न पड़े। ऐसे में वे अपने जानवर का जीवन तो संकट में डालते ही है। स्वयं को भी परेशानी हो सकती है।