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क्या स्वास्थ्य विभाग के बगैर संरक्षण ये कर सकते हैं ऐसे इलाज....?

झोलाछाप डॉक्टर का बोलबाला, नर्सिंग होम एक्ट का खुला उल्लंघन

24hnbc.com
बलौदाबाजार, 14 सितंबर 2024। समाचार संकलन जिला प्रतिनिधि
जिला बलौदाबाजार भाटापारा के सभी विकासखंडो में अवैध रूप से हॉस्पिटल,लैब, क्लिनिक, मेडिकल स्टोर खुलेआम धड़ल्ले से संचालित हो रही है जिसमे विभाग की बराबर की हिस्सेदारी नजर आ रही है जिसकी पुष्टि हमारे संवाददाता ने क्वेक्स(झोलाछाप ) डॉ से इलाज कराकर चर्चा के दौरान किया। संवाददाता द्वारा स्वयं मरीज बनकर चक्कर आ रही है करके इलाज कराने गया जहाँ पर झोलाछाप डॉक्टर के द्वारा तत्काल संवाददाता के लिए पर्ची में कुछ टेबलेट सिरप इत्यादि लिख क़र क्लिनिक के अंदर ही संचालित मेडिकल स्टोर से खरीदने बोला गया। 260₹ के कुल दवाई खरीद क़र डॉक्टर कों दिखाने पर उसने स्वम पाँच अलग अलग गोली कों खाने के लिए दिया गया । झोलाछाप डॉक्टर द्वारा किसी भी प्रकार से प्राथमिक परिक्षण नहीं किया और उनके द्वारा सलाह दिया गया कि अगर ठीक नहीं होगा तो पुनः आने को बोला गया है।
*ग्राम हथबंद में क़र रहे इलाज*
जिला बलौदाबाजार भाटापारा के सिमगा के खंड चिकित्सा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत हथबंद मे स्थित बंगाली दवाखाना के कथित क्वेक्स(झोलाछाप) डॉक्टर द्वारा अपने घर मे क्लिनिक संचालित कर रहे है। क्लिनिक मे अस्पताल जैसे बेड की सुविधा दे रहे है । डॉक्टर के द्वारा अपने क्लिनिक में दो युवती कों बतौर कंपाउंडर रखे है जो ड्रीप, इंजेक्शन बॉटल और ब्लड टेस्ट इत्यादि कार्य कर रहे है और मजे की बात है की उसी समय हमारे उपस्थिति में ही उक्त कंपाउंडर द्वारा एक मरीज की इंजेक्शन दवाई कों दूसरे मरीज कों लगा दिया गया। इस हद तक खुलेआम लापरवाही भी बरती जा रही है। क्लिनिक संचालन के ऊपर स्वास्थ्य अमला की ओर से किसी तरह की कार्यवाही किये जाने की जानकारी पूछने पर डॉ. ने बताया की नोटिस वगैरह और न्यूज़ इत्यादि में हो चूका है। स्वास्थ्य विभाग अपना काम करती रहती है इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। जो कि मै सोशल वर्कर हुँ समाज सेवा कार्य मे अग्रणी रहता हुँ मेरे द्वारा एनजीओ संचालित किया जाता है मै वृद्ध एवं महिलाओ के लिए एंजीओ के माध्यम से अनेको कार्य करता रहता हुँ अभी मै मैट्स यूनिवर्सिटी से सोशल वर्क मे पीएचडी कर रहा हुँ।
*बायो मेडिकल अपशिष्ट मैनजमेंट की उड़ा रहे धज्जियाँ*
झोलाछाप डाक्टरो द्वारा बिना किसी वैध डिग्री या अनुमति के इलाज क़र लोगों के जान से खिलवाड़ तो क़र ही रहे है साथ ही साथ इलाज के दौरान निकालने वाली बायो मेडिकल वेस्ट यानि मानव अवशेष सहित डिस्पो सीरिंज नीडिल दवाई की शिशियाँ इत्यादि कों खुलेआम गांव के मैदान या बाहर रोड किनारे फेक क़र आमजन सहित मवेशीयों के लिए भी मुसीबत खड़ी क़र रहे है। बंगाली दवाखाना हतबंद मे प्रतिदिन सुबह शाम को मिलाकर करीब 50- 70 लोग इलाज कराने आते है अब ऐसे मे इन लोगो के इलाज से जो भी बायो मेडिकल अपशिष्ट निकल रहा है उसे गांव से दूर खुले में फेक दिया जा रहा है जों मवेशी कचरा बीनने वाले व आम नागरिकों के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है। अब देखने वाली बात होंगी कि प्रशासन इनके ऊपर क्या कार्यवाही करेगी।
बड़ा सवाल
क्या समाज सेवा के आड़ मे अवैध क्लिनिक संचालित करने वालों के द्वारा इलाज के नाम पर बच्चे, युवा, बुजुर्ग, महिलाओ के जान से खिलवाड़ किया जाना सही है?
क्या ऐसे अवैध क्लिनिक संचालन करने वाले क्वेक्स(झोलाछाप) डॉक्टर पर एनएचएम अधिनियमो का कोई डर नहीं है।?
ऐसे अवैध क्लिनिक संचालन करने वाले क्वेक्स(झोलाछाप) डॉक्टर को आखिर किस अधिकारी, जनप्रतिनिधि का संरक्षण प्राप्त है।?
बहुत जल्द ही अनुभाग क्षेत्र मे टीम बनाकर कार्यवाही की जाएगी।
अंशुल वर्मा अनुविभागीय अधिकारी (रा) अनुभाग सिमगा 
ज़ब एसडीएम सर कार्यवाही करने के लिए कहेगा मै उनके साथ चला जाऊंगा। पारस पटेल खंड चिकित्सा अधिकारी, सिमगा