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एक पेड़ मां के नाम और जंगल मेरे बाप का

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बिलासपुर, 19 जुलाई 2024। 
इन दिनों वृक्षारोपण का दौर चल रहा है। और इसे बड़ी भावनात्मक अपील "एक पेड़ मां के नाम" के साथ चलाया जा रहा है। दो बातें ध्यान में आती है कावर यात्रा मार्ग को चौड़ा करने के लिए 33000 पेड़ काटे गए। क्या यह पेड़ मां की याद नहीं दिलाते थे....? इसी बीच जब आम जनता जिसमें जिले के कलेक्टर भी शामिल हैं मां के नाम पर पेड़ लगा रहे हैं। खबर आई की राजस्थान के मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद दिया कि उन्होंने हरियर पुर में कोल खदान के लिए वृक्षों को काटने के अनुमति दी, लगा एक पेड़ मां के नाम और जंगल मेरे बाप का क्या मां के नाम पर एक-एक पेड़ लगवा कर जंगल काटने का अनैतिक हक मिल जाता है। जब देश की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर किया और 30 साल के भीतर कोयला उत्खनन बंद करने का वादा किया तब नये कोल खदानों की जरूरत कहां। 
मस्तूरी ब्लाक में कुछ दिन पूर्व प्रायोजित जन सुनवाई हुई क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता टाकेश्वर पाटले का कहना है इस उद्योग के कारण बड़ी संख्या में वृक्षों की कटाई होगी जानवरों को उनके रिहायसी क्षेत्र से बेदखल किया जाएगा। सरकार हमसे माता जी के नाम पर पौधे लगवायेंगी । इसे धृतराष्ट्र का डबल इंजन मॉडल कहा जाता है।