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केएसके महानदी यूं ही नहीं हो रहा अडानी का, पुराना पाप है रमन का

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​​​​बिलासपुर, 4 अगस्त 2024। 
छत्तीसगढ़ का जांजगीर-चांपा जिला उसका ब्लॉक अकलतरा और गांव नारियारा इन दिनों अंतरराष्ट्रीय सुर्खी बटोर रहा है। करण केएसके महानदी प्लांट नीलाम हो रहा है और बतौर खरीदार पूरे षडयंत्रों के साथ अडानी ने 27000 करोड़ की बोली लगाई है। उनके अलावा एनटीपीसी, वेदांता, नवीन जिंदल की कंपनी सहित 9 कंपनियों ने बोली लगाई सब जानते हैं बोली में सफल कौन होगा। असल बात जो कोई बोल नहीं रहा। जिले में 40000 एकड़ जमीन की खरीदी रमन कार्यकाल में हुई थी। कम लोगों को याद है उसे वक्त की भाजपा सरकार मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन जांजगीर को पावर हब बनाने वाले थे। एक दो नहीं पूरे 34 थर्मल पावर प्लांट एएमयू हुए थे। एएमयू होने के पहले ही भाजपा के प्रभावशाली नेताओं ने इस क्षेत्र में एक दो लाख रुपए एकड़ वाली जमीन खरीदना प्रारंभ कर दी उसे समय के बहुचर्चित प्रकरण तत्कालीन गृहमंत्री ननकी राम कंवर के पुत्र एक जानी-मानी कंपनी के लिए जमीन खरीदे बहुत चर्चित थे। 
2008 में जो जमीन एक दो लाख रुपये एकड़ खरीदी गई थी केंद्र सरकार की पुनर्वास नीति बदली और बंजर जमीन का 6 लाख, एक फसली जमीन का 8 लाख, दो फसली जमीन का 10 लाख 2011 में 30 लख रुपए प्रति एकड़ तक मुआवजा प्राप्त हुआ। 
अकलतरा के किसानों ने तो माथा पीट लिया। 14 जनवरी 2013 क्षेत्र में बड़ा आंदोलन हुआ मूल किसान समझ चुके थे कि उनके साथ भाजपाइयों ने बड़ा धोखा किया है। केएसके प्लांट को 2014 में दो कोयला खदान मोरगा टू और गारेपनामा का आवंटन हाई कोर्ट के निर्देश पर रद्द हो गई यह वह दौर था जब केंद्र में कांग्रेस सरकार को कोयला में सुनियोजित तरीके से बदनाम किया जा रहा था। सरकार बदल गई 2017 में केएसके ने केवल 200 मिलियन रुपए का राजस्व दर्ज किया और 1200 मेगावाट बिजली पैदा की जबकि इसकी स्वीकृत क्षमता 3600 मेगावाट 6*100 की है। 2018 से यह प्लांट दिवालिया नियमों के तहत वांईडअप हो रहा है। मजेदार बात यह है कि प्लांट को एक चीनी कंपनी एसईपीसीओ से बनवाया गया है। छत्तीसगढ़ की हसदेव अरण्य की कोल खदानें अडानी को दे दी गई है। और गडकरी के मंत्रालय ने एक व्यू रचना के तहत जांजगीर को झारखंड और उड़ीसा से सीधा जोड़ा। पिछले 5 साल के एस के महानदी में a1 के लिए लाल कालीन बिछाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के पर्यावरण विद कितनी भी कोशिश कर ले छाती पीट ले होना वही है जो डबल इंजन चाहेगा। 
हम आपको हरेली मनवाई जाएगी और छत्तीसगढ़िया व्यंजन दिया जाएगा, गेड़ी पर चढ़ाया जाएगा और छत्तीसगढ़ महतारी के गर्भ में रखा हुआ पीतल, सोना, कोयला, नदियों का पानी, जल, जंगल गुजरातियों के लिए खोल दिया जाएगा।
पूर्व में जिला जांजगीर-चांपा बिलासपुर और विभाजित का हिस्सा था तत्कालीन मध्य प्रदेश शासन ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर इस क्षेत्र के किसानों को लाभ देने के लिए बड़े बांध का निर्माण कराया जिसे वर्ल्ड बैंक से कर्ज भी मिला जब क्षेत्र के किसानों ने एक से ज्यादा फसल लेना प्रारंभ कर दिया और समृद्ध हुए तब उन बांधों का पानी जो कृषि के नाम पर बनाए गए थे, उद्योग को कैसे दिया जा सकता है।