No icon

24hnbc

टोल वसूली की तर्ज पर कुछ डॉक्टर कर रहे काम

24hnbc.com
बिलासपुर, 12 फरवरी 2024।
यदि आपने कार खरीदी है तो एक से अधिक बार सरकार आपसे टैक्स लेती है। इस तरह मानव शरीर लिया है और बीमार पड़ गए तो डॉक्टर की वसूली और टोल नाके की वसूली के बीच कोई बड़ा अंतर नहीं है। और यह सब अपनी मातृ संस्था से प्रभावित नजर आते हैं। 2014 को स्वतंत्र हुए भारत में टैक्स नहीं जजिया कर लगता है।
आपने कार खरीदी जैसे ही आरटीओ दिया आरटीओ के समस्त कर में रोड निर्माण के लिए निर्धारित प्रतिशत कर छुपा है। पेट्रोल भर आते समय समस्त कर में रोड निर्माण में हिस्सेदारी है। अब आप सोचेंगे कि चलो गाड़ी चलाने के दौरान तो टैक्स नहीं लगेगा पर जैसे ही आप नेशनल हाईवे पर आएंगे टोल नाका लगा है। आप बाएं तरफ से गए हैं इस रोड पर जब दाएं और से लौटेंगे तो दोबारा टैक्स देना होगा। रोड एक ही है पर टैक्स दो है भला हो माताओं का जो बच्चों से दुग्धपान का टैक्स नहीं लेती अन्यथा दो बार लेती। पर सरकार मां थोड़ी ही है, पुतना है जहर भी पिला रही है टैक्स भी ले रही है। अब आप सोचेंगे टोल नाके की तुलना डॉक्टर के पेशे से क्यों ...... 
शनिवार 10 तारीख को व्हाट्सएप पर विद्युत मंडल के एक कर्मचारी ने एक डॉक्टर से हुई वार्तालाप का ऑडियो वायरल किया मरीज का अनुभव नया है पर प्रताड़ित करने वाले डॉक्टर सब अपने चिकित्सीय ज्ञान के कारण कम बदतमीजियों के कारण ज्यादा जाने जाते हैं। पूरी वार्तालाप से सीधा पता चलता है कंपनी के मुनाजिम ने अपने पिता का इलाज उनके अस्पताल में कराया था। क्योंकि कर्मचारियों को मेडिकल खर्च का क्लेम कंपनी से लेना है तो उसे बिल की कॉपी पर डॉक्टर का हस्ताक्षर चाहिए और डॉक्टर साहब हस्ताक्षर करने का निर्धारित चार्ज क्लेम कर रहे हैं। कर्मचारी का कहना है कि मैं ओपीडी क्यों दूं डॉक्टर का कहना ...... मैं बिना पैसे फाइल नहीं देखता इस पूरे वार्तालाप में डॉक्टर साहब बहस में कहीं पीछे नहीं हटते वे फोन करने वाले बंदे को बार-बार एक बाप की औलाद है तो मेरी शिकायत कर जो उखड़ते बने उखाड़ के दिखा।
बिलासपुर के सरकंडा थाना क्षेत्र स्थित इस अस्पताल का विवादों से पुराना नाता है कांग्रेस पार्टी के एक पूर्व पार्षद से भी विवाद कर बैठे थे पूर्व पार्षद ने थाने में शिकायत भी की थी। एक ग्रामीण ने सीएचएमओ को लिखित शिकायत की थी । समाचार प्रकाशित करने वाले कुछ समाचार माध्यमों को डॉक्टर साहब ने अपने मातृ संस्था स्थित अधिवक्ता से नोटिस भी दिलाया था। इन्हीं के पेशे से जुड़े हुए लोग बताते हैं की डिग्री के अतिरिक्त अन्य सभी पढ़ाई संदेश के घेरे में हैं कहा जाता है कि चिकित्सक महोदय एक राजनीतिक दल विशेष से संबंध रखते हैं। ऑडियो वायरल होने के बाद स्थानीय समाचार पत्र में इस खबर के स्थान पर डॉक्टर साहब के संस्था का एक आधे पेज विज्ञापन प्रकाशित हुआ है।