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20 का हो या कितने का भी, तिरंगा हृदय में हो यह जरूरी है
- By 24hnbc --
- Sunday, 14 Aug, 2022
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समाचार - बिलासपुर
इन दिनों हम देशवासी स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। तिरंगे पर सब गर्व करते हैं कोई दिखाकर करता है किसी का राष्ट्रप्रेम अंतर्मुखी होता है राष्ट्र के प्रति निष्ठा मुख्य बात है निष्ठा नेतृत्व के प्रति हो ना हो राष्ट्र के प्रति होना जरूरी है। आज सर्वाधिक जरूरत आन पड़ी है की मौलिक अधिकारों की रक्षा हो पहले मौलिक अधिकार सही तरीके से बताया जाए फिर नागरिक खुद ही उनकी रक्षा कर लेगा। 1947 के बाद संवैधानिक संस्थाओं की कार्यशैली पर कई बार प्रश्न उठे पर इतना संदेह कभी नहीं हुआ जितना अभी हो रहा है उत्तरदाई पद और उस पर विराजमान व्यक्ति अपनी मिली हुई जिम्मेदारी पर जवाब ना दे कर दूसरे विषयों पर बोलता है यहां तक की सर्वोच्च संस्था अचानक शिखर नेतृत्व के एजेंट को लागू करने निकल पड़ती है ऐसी प्रवृत्ति खतरनाक हो जाएगी। वृहद दिए लोकतांत्रिक व्यवस्था उचित नहीं लगती तो खुल कर बोलो इसे और क्यों नहीं लगती छुपकर एजेंडा लागू ना करें प्राथमिकता उल्टी पुल्टी ना करें लड़खड़ा की अर्थव्यवस्था , बेरोजगारी, महंगाई, भूख पर बात न करके 80-20, काला जादू पर बोलकर पद की गरिमा रसातल में ना ले जाएं। तिरंगा बाहर दिखे अच्छी बात है पर मन में भी रहे यह जरूरी है..... अंत में 15 अगस्त के पूर्व विश्व गुरु का रुतबा तब खटाई में पड़ जाता है जब एक स्कूल में गुरु ने तीसरी क्लास के बच्चे को इसलिए पीटा की उसने पानी के मटके में हाथ लगाया छात्र एससी है । क्या इसे जाति गरव कहेंगे। स्कूल का नाम सरस्वती विद्या मंदिर और ग्राम सुराणा थाना सायला राजस्थान है।