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गृह निर्माण समिति का बड़ा घोटाला

छत्तीसगढ़/बिलासपुर। सहकारिता के क्षेत्र में प्रदेश की एक बड़ी सहकारी संस्था वित्तीय अनियमितताओं के कारण बंद हो गई। कोयला कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति लगरा के पदाधिकारियों ने इस संस्था को डुबाने में कोई कसर नहीं रखी जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है इस सहकारी संस्था में एसईसीएल के कर्मचारियों को ही मकान बनाने के लिए प्लाट उपलब्ध कराए जाते थे। कहने को इसके पदाधिकारी बिना लाभ का काम करते थे। असल में पंजीयन दिनांक से ही व्यावसायिक बुद्धि के साथ चल रहे थे । लगभग 3 वर्ष पूर्व शिकायतकर्ता ने कोयला कर्मचारी कोऑपरेटिव के विरुद्ध तथ्यात्मक शिकायतें कि पहले शिकायतकर्ता ने थाने में शिकायत की किंतु उसे जांच में वैध नहीं पाया गया । असल में पूरा खेल यहीं से शुरू हुआ था सहकारी समिति के षड्यंत्रकारी पदाधिकारी ने जांच में मामले को छुपाने का दक्षिणा उस वक्त की महिला सीएसपी को दिया था। बाद में उक्त मामला सहकारी कोर्ट गया माना गया कि कोयला कर्मचारी सहकारी समिति में धांधली चल रही है, और शपथ पत्र में किए गए सुधार करने का कोई हक पदाधिकारियों को नहीं है इसी तरह समिति के नियमों के खिलाफ अन्य बैंकों में खाता संचालन भी वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। बताया जाता है कि कोयला कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति मूल नाम के बाद नाम में संशोधन करके कल्याण शब्द लगाया गया और एसईसीएल से आर्थिक लाभ भी लिए गए समिति में अभी भी बिना डायवर्शन के कई एकड़ भूमि पड़ी हुई है । और सैकड़ों की संख्या में सदस्यों को वेटिंग लिस्ट पर रखा गया है । इस पूरी धांधली के पीछे स्थानीय भू माफिया के हाथ से इनकार नहीं किया जा सकता । प्रारंभिक अवस्था में पदाधिकारी और भूमाफिया के बीच मीठे संबंध थे, किंतु जब समिति विवाद में फंसी तो मलाई खाने वाला भूमाफिया किनारे हट गया और पदाधिकारियों की बलि चढ़ गई।

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