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विक्रमशिला विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री की घोषणा के 7 साल बाद भी नहीं ले सका स्वरूप, आड़ में हो गई करोड़ों की साइबर ठगी

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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर । विश्व गुरु भारत, मोदी है तो मुमकिन है यह अद्भुत काम कर दिखाया 7 साल पहले 15 अगस्त के दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने लाल किले के प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में विक्रमशिला सेंट्रल यूनिवर्सिटी की घोषणा की लगे हाथ 500 करोड़ रुपए का अनुदान दिया। बिहार में जहां यह विश्वविद्यालय बनना है वहां आज तारीख तक जमीन अधिग्रहण भी नहीं हुआ है जबकि पहले 500 एकड़ और बाद में ढाई सौ एकड़ जमीन अधिग्रहण की फाइल कार्यालय में धूल खा रही है और इसी बात का लाभ एक ग्राफिक डिजाइनर ने उठा लिया। साइबर स्पेस में प्रधानमंत्री राष्ट्रपति सहित कई लोगों का लेटर हेड इस्तेमाल हुआ। शुभकामना संदेश भरे गए 500 करोड़ की लागत वाली 500 एकड़ पर बनने वाली इमारत के लिए टेंडर जारी हो गया और गारंटीमनी के नाम पर करोड़ों रुपए वसूल कर लिए गए। शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय और सीबीआई तक हुई किंतु अभी तक कोई परिणाम प्राप्त नहीं हुआ है। असल में यह विश्वविद्यालय जहां बनना है उस गांव का नाम कहलगांव है। जब लाल किले की प्राचीर से विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय की घोषणा हुई तो इसी गांव में खुशी की लहर दौड़ पड़ी थी। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के पास जमीन आवंटन की फाइल 2 साल से अच्छी है वैसे भी 500 एकड़ की जमीन 200 में बदल गई है । एक ही स्थान पर नहीं मिली तो 3 स्थानों पर चिन्हांकित की गई है। अभी तक केंद्र से जमीन अधिग्रहण की अनुमति नहीं आई विक्रमशिला नागरिक समिति आंदोलन कर रही है और यहां साइबर स्पेस में टेंडर भी जारी हो गए यही है विश्व गुरु भारत के व्हाट्सएप ज्ञाताओं का कमाल ।