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समूचा बैंक जगत हड़ताल पर, दफ्तरों के बाहर जमकर हो रही केंद्र के खिलाफ नारेबाजी
- By 24hnbc --
- Thursday, 16 Dec, 2021
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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। कृषि के 3 बिल वापस लेने के लिए बाध्य हुई सरकार के लिए अब एक और समस्या बैंकों की हड़ताल के रूप में सामने आ गई है देशभर में बैंकों ने 2 दिन की हड़ताल की है। 16 और 17 की हड़ताल के कारण बैंक 4 दिन बंद रहेंगे। देशभर में एक अनुमान के मुताबिक बैंकिंग सेक्टर में 10 लाख कर्मचारी हैं और सभी अपनी 2 दिन का वेतन कटवा रहे हैं राष्ट्रीय स्तर पर बुलाई गई इस हड़ताल के कारण छत्तीसगढ़ के बैंक भी बंद है छत्तीसगढ़ बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन के महामंत्री नल गुडवार ने कहा कि हड़ताल में सभी बैंकिंग संगठन शामिल है कर्मचारी अधिकारी सभी रोज एक तय किया गया इस स्थान पर एकत्र होते हैं और अपनी मांगों के बारे में जागरण कहते हैं इस दौरान बैंकिंग सेक्टर में कार्यरत संगठनों ने एनपीए के संदर्भ में 8 से 10 पेज का पर्चा भी छापा है जिसमें बड़े आसान शब्दों में या बताया गया है कि बड़े डिफॉल्ट उद्योगपतियों का नाम न छाप कर सरकार किस तरह बैंकिंग सेक्टर का भट्ठा बिट्ठाल रही है । एक तरफ छोटे कर्ज दारो के खिलाफ अखबारों में नोटिस सरफेसी एक्ट के तहत कानूनी कारवाही यहां तक की मोहल्लों में घूम घूम कर कर्ज वसूली का दबाव किंतु बड़े उद्योगों के ऋण को किस तरह राइटअप कर दिया जाता है। बिलासपुर में ही इसके कुछ बड़े उदाहरण हैं 36 मॉल के मूल कर्ज को भी आधा कर दिया गया इसी तरह वंदना विद्युत, राशि स्टील सहित बड़े डिफाल्टरो को राहत दी गई है। निजी क्षेत्र के बैंक जब दिवालिया होते हैं तो बड़े बैंकों को बाध्य किया जाता है कि वो खातेदारों का पैसा लगाकर डूबते निजी बैंकों को बचाएं डीएचएफएल, यस बैंक इसका ताजा उदाहरण है एसबीआई ने अपने कर्मचारियों से हड़ताल पर न जाने की अपील की थी ऐसी ही अपील सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक ने भी की थी किंतु यह अपील बेअसर रहे असल में केंद्रीय मंत्री इसी लोकसभा सत्र में बैंकों के निजीकरण के संबंध में एक बिल प्रस्तुत करने वाली हैं बैंक संगठनों का मानना है कि बैंकिंग सेक्टर से सरकार जिस तरह से हट रही है और अपनी पूंजी निजी क्षेत्र को दे रही है बैंकों का बर्बाद होना तय है बैंक का निजीकरण देश के आम नागरिकों के लिए भी नुकसानदायक होगा।