
24hnbc
तबादले के दो साल बाद भी रिलीव नहीं ,कार्यक्रम अधिकारी की इच्छा ही सर्वोपरि
- By 24hnbc --
- Tuesday, 22 Jun, 2021
24 HNBC (बिलासपुर )
बिलासपुर ।महिला एवम बाल विकास विभाग में राज्य शासन का आदेश नही बल्कि जिला कार्यक्रम अधिकारी की इच्छा ही सर्वोपरि है ।वे जो चाहते है ,करते है भले ही उनकी इच्छा शासन के आदेशों के खिलाफ क्यों न हों । वर्ष 2019 में राज्य शासन द्वारा जारी तबादला आदेश और अभ्यावेदन नामंजूर किए जाने के बाद भी कई कर्मियों को रिलीव नही किया गया है ।
जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ शासन की महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 21 अगस्त 2019 को प्रशासनिक दृष्टिकोण से विभाग के कतिपय पर्यवेक्षकों अधीक्षकों व अन्य कर्मचारियों का तबादला आदेश जारी किया गया था इस तबादला आदेश में बिलासपुर की पर्यवेक्षक श्रीमती हरी प्रिया पटेल का नाम भी शामिल था जिसे भटगांव जिला बलौदा बाजार स्थानांतरित किया गया था इस आदेश के विरुद्ध श्रीमती हरिपुर हरि प्रिया पटेल ने उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर कर अपना तबादला रुकवाने की गुहार लगाई हाईकोर्ट ने अट्ठारह नवंबर 2019 को आदेश पारित कर हरी प्रिया पटेल को वरिष्ठ समिति सचिवों की समिति के समक्ष 15 दिवस के भीतर अभ्यावेदन प्रस्तुत करने एवं प्रतिवादी को 60 दिवस के भीतर विधिवत निराकरण करने हेतु निर्देशित किया था उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में श्रीमती हरी प्रिया पटेल ने वरिष्ठ सचिवों के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत कर अपना पक्ष रखा इसी तरह कुछ अन्य कर्मचारियों ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और उन्हें भी वरिष्ठ सचिवों की समिति के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया स्थानांतरण पेट्रोल की सुनवाई एवं परीक्षण हेतु गठित और सचिवों की समिति के समक्ष प्राप्त अभ्यावेदन पर विचार करते हुए समिति द्वारा 22 दिसंबर 2020 को आदेश पारित करते हुए हरिप्रिया पटेल एवं अन्य का स्थानांतरण आदेश को प्रशासनिक आधार पर किया जाना पाते हुए स्थानांतरण नीति वर्ष 2019 का उल्लंघन होना नहीं पाया एवं आवेदन को अमान्य करने की अनुशंसा की इस अनुशंसा के अनुपालन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 9 अप्रैल 2021 को जारी आदेश में कहा गया कि सचिवों की समिति द्वारा अभ्यावेदन को अमान्य कर दिया गया है अतः संबंधित ओं को अवगत कराते हुए नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किया जाए इसका आशय यही था कि जिनका तबादला वर्ष 2019 में जिस स्थान में हुआ है वहां के लिए उन्हें रिलीव कर दिया जाए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 9 अप्रैल 2021 को जारी आदेश के मुताबिक श्रीमती हरी प्रिया पटेल पर्यवेक्षक समेत आधा दर्जन विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों को तत्काल रिलीव कर दिया जाना था मगर बिलासपुर जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा ढाई माह बाद भी स्थानांतरित पर्यवेक्षक को अभी तक रिलीव नहीं किया गया है रिलीव नहीं किए जाने के पीछे कारण क्या है यह तो कार्यक्रम अधिकारी ही जाने लेकिन इस तरह के मामलों से यही स्पष्ट होता है कि राज्य शासन द्वारा 2 साल पहले तबादला किया जाता है जिसके विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी जाती है हाई कोर्ट भी 2 माह के भीतर याचिका को निराकृत कर देता है लेकिन अभ्यावेदन पेश करने और उसका निराकरण करने में ही 2 साल लग जाते हैं और तब तक स्थानांतरित अधिकारी कर्मचारी मजे से अपने पुराने स्थान पर ही रहते हैं और यदि विभाग के मुखिया का संरक्षण प्राप्त हो तो स्थानांतरित अधिकारी कर्मचारी विभागीय आदेश के बाद भी तबादले की परवाह नहीं करते क्योंकि उनके मुखिया ही उन्हें रिलीव नहीं करना चाहते महिला एवं बाल विकास विभाग बिलासपुर में शासन के आदेशों की पर वह नहीं हो रही वर्ष 2019 में बड़े पैमाने पर किए तबादला आदेश के खिलाफ में भी स्थानांतरण से प्रभावित लोगों को हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की सलाह दी गई थी जिसके चलते कई लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राहत पाने की कोशिश की लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका को निराकृत कर मामला समाप्त कर दिया मगर अभ्यावेदन और समिति के निष्कर्ष के चक्कर में तबादला आदेश पर 2 साल बाद भी अमल नहीं हो सका अब जबकि विभाग द्वारा ढाई माह पहले ही आदेश जारी किया जा चुका है तो रिलीव नहीं किया जाना अनेक संदेशों को जन्म देता है

