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पीएससी पाठ्यक्रम में हो आवश्यक सुधार

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रायपुर/बिलासपुर, 27 मार्च 2025। 
पीएससी छत्तीसगढ़ का पाठ्यक्रम यूपीएससी के समान हो व छत्तीसगढ़ी भाषा भूगोल, इतिहास, सामान्य ज्ञान को इसमें शामिल किया जाए। मां नर्मदांचल सोशल वेलफेयर सोसइटी के सदस्यों ने कल छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के सदस्यों से मुलाकात की और निवेदन किया कि छत्तीसगढ़ राज्य सिविल सेवा के पाठ्यक्रमों में समय अनुकूल बदलाव नहीं हुआ दुष्परिणाम यह है कि परीक्षा पाठ्यक्रम व परीक्षा प्रणाली एक ढरल्ले पर चल रही है। और 2003 से लगातार वास्तविक युवा का मानसिक, आर्थिक, शारीरिक शोषण हो रहा है। पीएससी का पठ्यक्रम यूपीएससी के परीक्षा से ज्यादा बड़ा है। 
छत्तीसगढ़ की बड़ी जनसंख्या पिछड़ा वर्ग 52%, एसटी 30%, एससी 15% यह प्रतिशत अन्य राज्यों की अपेक्षा ज्यादा है। राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ प्रदेश के अभ्यर्थी अपना स्थान ही नहीं बना पाते। पीएससी की पठ्यक्रम यूपीएससी के समान हो जाए तो ग्रामीण क्षेत्र के अभ्यर्थियों को इससे बड़ा लाभ मिलेगा। 
ऐसा देखा जाता है कि जब कभी भी पीएससी, व्यापम के पाठक्रम बदलाव की बात होती है तो, कुछ नामचीन कोचिंग संस्थाएं छात्रों के माध्यम से आंदोलन को प्रायोजित करती है। पीएससी को यह भी बताया गया कि पीएससी परीक्षाओं के सफल अभ्यर्थियों के संबंध में कोचिंग संस्थाएं भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित हैं। पूरे राज्य में पीएससी की तैयारी कराने वाली 250 से ज्यादा कोचिंग संस्थाएं सक्रिय सफल परीक्षार्थी की फोटो हर कोचिंग संस्था वाला उपयोग करता है। 
हर कोचिंग संस्था अपना रिजल्ट सत प्रतिशत बताती हैं। पीएससी इस संदर्भ में जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से परीक्षार्थी को सच्चाई से वाकिफ करा सकती है। इससे परीक्षाओं की तैयारी में लगे युवाओं को उचित मार्ग दर्शन प्राप्त हो।