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बिलासपुर की नौकरशाही पर है किसका नियंत्रण, यही हाल रहा तो भाजपा की जीत निश्चित

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बिलासपुर, 14 जुलाई 2023 । जिला प्रशासन के अधिकारियों के आपसी सामंजस्य की कमी के कारण 13 जुलाई को शहर की आम जनता, स्कूल से छूटने वाले छात्र छात्रा, अदालत बंद होने के बाद निकलने वाले वकील सहित राज्य सरकार के विभिन्न दफ्तरों के कर्मचारी कई घंटे तक जाम में परेशान रहे। ऐसा लगता है कि प्रदेश के मुखिया का अपने ही नौकरशाही पर नियंत्रण नहीं है और नौकरशाही खुले रूप में ऐसा काम कर रही है जिससे कांग्रेस का नुकसान हो रहा है और जाने अनजाने शहर की शांति व्यवस्था खतरे में पड़ रही है। 13 तारीख को एक संगठन ने लाल बहादुर शास्त्री स्कूल परिसर से जुलूस निकालकर गोल बाजार, देवकीनंदन दीक्षित चौक, नेहरू चौक होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन देने की सूचना दी। संगठन की यह सूचना पूर्व से ही संबंधित पुलिस थाना और सक्षम अधिकारियों के पास थी। 13 तारीख को ही पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संभागायुक्त की कलेक्ट्रेट परिसर स्थित मंथन हाल में कलेक्टर कान्फ्रेंस भी थी जिसका सीधा अर्थ था कि संभाग के जितने भी जिले हैं उनके कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ बिलासपुर में रहेंगे। कलेक्टर कान्फ्रेंस में राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा होनी थी जो हुई। 2:00 के पूर्व बैठक समाप्त हुई और सभी कलेक्टर अपने-अपने वाहनों से कलेक्टर परिसर से निकल गए बिलासपुर कलेक्टर भी निकल गए, और उसी वक्त संगठन का जुलूस अपने झंडू के साथ नेहरू चौक पहुंचा। यहीं पर उन्होंने नारेबाजी की चौक पर बैठकर ही हनुमान चालीसा का गायन किया और इस बात पर अड़े रहे कि बिलासपुर कलेक्टर को ही ज्ञापन देंगे। आंदोलनकारियों की यह जिद्द और जिला प्रशासन के मुखिया के ना आने के कारण लगभग जुलूस में शामिल 500 से 1000 कार्यकर्ता अपने झंडे लिए नेहरू चौक से कलेक्ट्रेट के बीच प्रदर्शन करते रहे अंत में लगभग 3 घंटे बाद जिला प्रशासन के मुखिया ने आकर ज्ञापन लिया। यहां पर प्रश्न उठता है कि इस ज्ञापन को 3 घंटे पूर्व लेकर धरना प्रदर्शन टाला नहीं जा सकता था। यदि मुखिया नहीं आ रहे थे तो ऐसा करने का निर्देश या इशारा किसने दिया.... 5:00 बजे तक संगठन के कार्यकर्ता झंडा हिलाते हनुमान चालीसा गाते प्रदर्शन करते रहे इसके पूर्व कवर्धा में फिर मुंगेली में सुदूर बस्तर में इसी तरह की घटनाएं हो चुकी हैं उन घटनाओं से सीख लेते हुए जिला प्रशासन ने इतनी लेट लतीफी कैसे कर दी। पिछले माह ही शहर के एक थाने में प्रदर्शनकारी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के विरोध में मुर्दाबाद का नारा लगा रहे थे और अब एक संगठन के पदाधिकारी 3 घंटे तक हनुमान चालीसा का पाठ करते शहर के हृदय स्थल नेहरू चौक जिसकी दूरी कलेक्ट्रेट से महज पैदल 5 मिनट की है नेहरू चौक और कलेक्ट्रेट कार्यालय के बीच में पुलिस अधीक्षक का कार्यालय भी है नेहरू चौक पर ही पुलिस अधीक्षक का शासकीय आवास और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, बिलासपुर के सांसद अरुण साव का आवास है यहां से 5 मिनट की दूरी पर आईजी कार्यालय है कहने का अर्थ यह क्षेत्र मोस्ट व्हीआईपी क्षेत्र है पर जिस प्रशासनिक अकुशलता का सोचा समझा प्रदर्शन नुमाइश कल बिलासपुर शहर की जनता ने देखी ऐसा पूर्व में कभी नहीं हुआ।