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एड्स के प्रति जागरूकता में कमी बढ़ रहे है पीड़ित

 

 

जांजगीर-चांपा।। जिले में एड्स के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अप्रैल से नवंबर माह तक 16 नए मरीजों की पहचान की गई है। इसमें खास बात यह है कि एचआईवी पाजीटिव महिलाओं की अपेक्षा पुरूषों की संख्या अधिक है। वर्ष 2006 से लेकर अक्टूबर 2020 तक के आंकड़ों के अनुसार जिले में अब तक 404 एचआईवी पीड़ित पाए गए हैं। इनमें 249 पुरूष व 155 महिलाओं की पहचान की गई है। इनके अलावा ऐसे लोग भी हैं जो जानकारी के अभाव, जागरूकता की कमी तथा लोग लाज के चलते परामर्श तक नहीं लेते। इस बार पाजिटीव के आंकड़े इसलिए कम हुए क्योंकि लाकडाउन और कोरोना काल के चलते दूसरे वर्षों की तुलना में कम लोगों ने एचआईवी टेस्ट कराया है।लोगों में जागरूकता के अभाव व लापरवाही के कारण दिन प्रतिदिन एचआईवी पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ते जा रही है। स्वास्थ्य विभाग एड्स की रोकथाम के लिए व्यापक प्रचार प्रसार नहीं कर पा रहा है वहीं लोग झिझक व शर्म के कारण भी एचआईवी टेस्ट कराने अस्पतालों में स्थित परामर्श केन्द्र नहीं पहुंचते हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल में एक दिन 1 दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर एक दो कार्यक्रम आयोजित कर स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रचार प्रसार की औपचारिकता निभा दी जाती है। इसके कारण लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरूकता की कमी है और एचआईवी पीड़ितो की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिले में 404 एचआईवी पीड़ित मरीज पाए गए हैं। इनमें 249 पुरूष व 155 महिलाओं की पहचान की गई है। इसी तरह विभागीय आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष अप्रैल से नवंबर माह में 16 एचआईवी पीड़ित पाए गए हैं। इनमें जांजगीर में 11, बम्हनीडीह में 2, चांपा में 2 एड्स से पीड़ित पाए गए हैं। एड्स पीड़ितों की सामाजिक उपेक्षा के साथ ही इनके ईलाज के समुचित साधनों का अभाव है। वहीं यौन से जुड़े मामले में झिझक व शर्म के चलते अधिकांश एचआईवी पीड़ितों की पहचान नहीं हो पाती, क्योंकि लोग परामर्श केन्द्र जाने से परहेज करते हैं। जिले के जांजगीर, चाम्पा, बम्हनीडीह, सक्ती व डभरा में एकीकृत परामर्श केन्द्र शुरू कर एड्स की जांच की जाती है।