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कहां ले जाकर मारेंगे मोडानी

ना तो शैल कंपनी का कोई हिसाब उल्टा ईपीएफओ का डूबा दिया करोड़ों

24hnbc.com
समाचार -
बिलासपुर, 28 मार्च 2023। बड़ी बेशर्म सरकार है इसके पास वह कोई आंकड़ा नहीं होता जिसे लेकर इन पर आंच जाती हो, सरकार के मंत्री ने राज्यसभा में स्पष्ट कर दिया शैल कंपनियों के बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है। जबकि सरकार ने ही 18 से 21 के बीच 238223 सेल कंपनियों की पहचान की थी अब कह रहे हैं शैल कंपनी की कोई परिभाषा नहीं है। केंद्र सरकार ने संसद को बताया है कि भारतीयों के आपसोर अकाउंट का कोई डाटा नहीं है इसके पहले कोविड-19 गए मजदूर, के बारे में भी यही कहा गया। ऑक्सीजन की कमी से मरे नागरिकों की भी कोई जानकारी इनके पास उपलब्ध नहीं थी। शैल कंपनियों का मामला इस समय इसलिए चर्चा में है कि अडानी के ऊपर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी की कंपनियों में लगने वाले धन का रास्ता मॉरिशस से बताया जाता है। एक दूसरा खुलासा जो पीएफ के संदर्भ में हुआ है उसे देश के 27 करोड़ लोगों पर प्रभाव पड़ता है। ईपीएफओ ने तीन बार में एक बहुत बड़ी धनराशि अडानी के डूबते शेयर पर लगाई यह रकम छोटी मोटी नहीं पहली बार में 13500 करोड़ जो कि लगभग 180 मिलियन डॉलर होता है। और दूसरी बात 2338 करोड़ जो लगभग 380 मिलियन डॉलर होता है, लगा दिए गए आश्चर्य की बात यह है कि इतनी बड़ी रकम लगाने के पहले ईपीएफओ के अधिकारियों ने ट्रस्टी को भरोसे में नहीं लिया या यूं कहें की ट्रस्टी को धोखे में रखा। ईपीएफओ का यह पैसा अडानी की दो कंपनियों में तब लगाया गया जब शेयर मार्केट में उनके शेयर धड़ाधड़ डूब रहे थे इसके पहले एलआईसी और एसबीआई ने अदानी के शेयर में आम जनता का पैसा लगाया था। इसी बीच ईपीएफओ ने सरकार को एक चिट्ठी लिखकर बताया है कि उसकी माली हालत ठीक नहीं है लिहाजा रिटायर्ड होने वाले कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ा दी जाए ऐसा माना जा रहा है कि ईपीएफओ का बहुत बड़ा पैसा शेयर मार्केट में डूबा है ऐसा हुआ तो देश के भीतर कई लाख लोगों की पेंशन खटाई में पड़ जाएगी।