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मौसम में बदलाव सुगन्धित धान पर खतरा

अंबिकापुर। बेमौसम बारिश से सरगुजा अंचल में सुगंधित धान पर खतरा मंडराने लगा है। सुगंधित धान की फसल पक चुकी है। पिछले दो दिनों से हो रही बारिश और हवाएं चलने के कारण धान की खड़ी फसल खेतों में पसर गई है। खलिहान में काट कर रखी गई फसल भी पूरी तरीके से भीग चुकी है। ऐसे में मिसाई कर पाना आसान नहीं है। यदि मौसम नहीं खुला तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। सुगंधित पारंपरिक धान जिसमें जीराफूल प्रमुखता से शामिल है। सरगुजा अंचल में जीराफूल धान ही किसान अधिक लगाते हैं। इसके साथ बिसनी भी लगाते हैं। इन दोनों धान की खासियत यह है कि इसमें रासायनिक उर्वरक काफी कम लगता है या फिर कई किसान रासायनिक उर्वरक का उपयोग भी नहीं करते। इसलिए यह खाने में स्वादिष्ट और काफी सुगंधित होता है। खासकर जीराफूल धान की मांग तो काफी अधिक है। अभी भी 80 से 100 रुपये प्रति किलो साफ सुथरा जीराफूल चावल लोग हाथों-हाथ खरीद लेते हैं। मुंहमांगे दाम पर बिकने वाले इस सुगंधित धान की बालियां जमीन पर पसर जाने से गुणवत्ता खराब होने की आशंका बढ़ गई है।