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नेता मतदाता को बना रहा बेवकूफ

फोन पर चुने जा रहे हैं सीएम कहां जा रहा देश का लोकतंत्र

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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर । देश के कुछ राजनैतिक दल लोकतंत्र की संसदीय प्रणाली को बेवजह खराब कर के शासन में सामूहिक उत्तरदायित्व के सिद्धांत को खराब करना चाह रहे हैं। हमारे यहां चुनाव की संसदीय शासन प्रणाली है जिसमें पीएम और सीएम समानों में प्रथम होते हैं। इसका सीधा अर्थ है केंद्र में सांसद और राज्यों में विधायक एक समान है मुख्यमंत्री भी अपने विधानसभा क्षेत्र का विधायक है वो भी उतने ही मतों से जीतकर आ रहा है जितना अन्य कोई विधायक या सांसद और यही सही है। संसदीय शासन प्रणाली है इसी में सामूहिक उत्तरदायित्व निवास करता है। इन दिनों कुछ राजनैतिक दल इस पद्धति को कचरा करने पर तुले हैं। सबसे पहला नाम भारतीय जनता पार्टी का है और दूसरा आप का बीजेपी ने सबसे पहले घोषित तौर पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों के चेहरे पर चुनाव लड़ना प्रारंभ किया और दूसरों से यह पूछना प्रारंभ किया कि आप की बारात तो ठीक है पर यह बताओ दूल्हा कौन हैं और चुनाव को धीरे से घटिया स्वयंवर पद्धति में बदल दिया । बारात सजाओ अपना दूल्हा बताओ गोया चुनाव स्वयंवर में तब्दील हो गया जानकारों को यह समझना चाहिए कि भारत में विधायिका और कार्यपालिका अलग-अलग हैं मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री विधायिका के प्रति उत्तरदाई हैं। यदि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री सीधे स्वयं को जनता से निर्वाचित होना समझने लगे तो वह विधायिका के प्रति जवाबदार क्यों रहेगा । अमेरिका में पूर्णता अध्यक्षीय शासन प्रणाली है वहां पर विधायिका किसी भी मायने में राष्ट्रपति से दबती नहीं है क्योंकि विधायिका पूर्णता स्वतंत्र है अध्यक्षीय शासन प्रणाली कानून बनाने या कार्यपालिका की फैसलों की समीक्षा का अधिकार रखती है विधायिका कार्यपालिका के दबाव से मुक्त होती है वहां पर सीनेटर मंत्री नहीं बनते जैसे हमारे यहां बनते हैं।इन दिनों भारत में संसदीय शासन प्रणाली और अध्यक्षीय शासन प्रणाली का धालमेल किया जा रहा है इससे एक अधिकार वादी तत्व को बल मिल रहा है। पीएम सीएम विधायक दल के अनुसार नहीं चलते उल्टे विधायक दल को अपना अधीनस्थ मानते हैं । दिखावा करते हैं कि उन्हें सीधा जनता ने चुना है संस्थाओं को इस तरह बोना किया जा रहा है। पार्टी की भूमिका शुन्य हो रही है नेता सब कुछ हो रहा है निर्वाचित विधायक और सांसद का अधिकार है कि वह अपना नेता चुने किंतु एक नेता कपट पूर्ण तरीके से अपने विधायकों का या सांसदों का सबसे बड़ा अधिकार ही छीन लेता है और नेता है कि इसे छिनने दे रहे हैं। पंजाब में तो आप पार्टी ने हद कर दी जब सीएम मोबाइल पर चुन लिया गया अभी वह विधायक ही नहीं बना है और सीधे सीएम बन गया और चुनाव आयोग देखता रह गया ऐसा चुना हुआ सीएम अपने आपको विधायकों से बड़ा समझेगा जैसा कि प्रधानमंत्री समझते हैं यह मिक्स अचार के लिए बेहद खराब होगा ।