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स्थगन की खुशी नहीं चली लंबी, मिशन का प्रकरण फिर जीता जिला प्रशासन

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बिलासपुर, 8 फरवरी 2025। 
आपदा विभाग के सचिव के समक्ष सीएनआईटीए मिशन अस्पताल का पुनरावलोकन आवेदन निरस्त हो गया। सचिव ने सीएनआईटीए की पावर ऑफ अटॉर्नी को पेश करने वाले की पात्रता को प्रमाणित न पाते, पुनरावलोकन खारिज किया, और मिशन अस्पताल की लिज निरस्तीकरण के कलेक्टर बिलासपुर के आदेश को वैध ठहराया। इस तरह सीएनआईटीए लगातार तीन बार केस हारा......
 वर्तमान में मिशन अस्पताल के लिए आशा की एक ही डिसाईपल द्वारा पेश किए गये स्वत्व की घोषणा का वाद हैं, जो बिलासपुर सत्र न्यायालय में लंबित है, और कलेक्टर बिलासपुर और नगर पालिक निगम आयुक्त जिसमें पार्टी है। इस प्रकरण में स्थगन आवेदन पर बहस होनी थी तथा आगामी सुनवाई तिथि 11 फरवरी है।
 सचिव के आदेश के संदर्भ में यह जानना जरूरी है कि 8 जनवरी को उच्च न्यायालय में सीएनआईटीए के प्रकरण की याचिका पर बहस हो रही थी। इस समय याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सचिव की निष्पक्षता पर कथन किया था। जिस पर सरकारी वकील ने प्रमाणित करने की बात कही तब याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने शपथ पत्र पर कह सकता हूं कहा था। इस सप्ताह भारतीय जनता पार्टी की घोषणा पत्र विमोचन में मिशन अस्पताल को शासकीय जमीन कहने और घोषित करने से ही यह लग गया था की आपदा सचिव का आदेश क्या होगा। 
सीएनआईटीए के पदाधिकारीयों के लिए लगातार प्रकरण हारना पूरे छत्तीसगढ़ डायोसिस के लिए गंभीर मामला बन गया है।