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कुर्ता कुतर्क और गणेश

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बिलासपुर, 10 सितंबर 2024। 
इन दोनों गणेश की धूम है और गणेश उत्सव का पूरा मामला भारत की आजादी वाले आंदोलन से जुड़ा है। आजादी का आंदोलन अर्थात देश प्रेम अभिव्यक्ति की आजादी के साथ आरएसएस और भाजपा का साथ देना इन दिनों देश प्रेम है। अभिव्यक्ति की आजादी के अंतर्गत अपने विचारों को प्रकट करना इन दिनों देश विरोधी गतिविधि है।
21 सितंबर 1995 तक सूचना अंधविश्वास फैलाने के संचार साधन आज के मुकाबले बहुत सीमित है। पर गणेश जी ने दूध पिया यह सूचना तेजी से न केवल फैली बल्कि कई दिनों तक फैली रही। और गणेश मंदिर ही नहीं अन्य मूर्तियों यहां तक की गांधी, अंबेडकर, बुद्ध की प्रतिमाओं को भी अपनी सुविधा अनुसार तरल पदार्थ पिलाया गया। कहीं कथित सफलता मिली कहीं नहीं मिली उसे समय बीबीसी लंदन रेडियो प्रसारण सेवा के 1:20 वाले बुलेटिन में यह खबर आ गई थी। तब से आज तक आरएसएस ने धर्म की घुट्टी पिलाने पर आमादा है। उन्होंने एक कुर्ता जो असल में कुतर्क है बनाया है और पूरे देश के नागरिकों को पहनाना चाहता है। तब सरकार कांग्रेस की थी प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव थे और उनके मंत्री सीताराम केसरी ने बाकायदा बयान जारी किया था कि किस तरह दिल्ली में रस मुख्यालय झंडेवालान पार्क के मंदिर से यह दूध पीने वाली खबर निकाली और पूरे देश विदेश तक फैल गई। इस घटना के कुछ दिन बाद चुनाव होने वाले थे। दूध पीने की घटना के चलते तीन दिन तक दूध की बिक्री में 30% इजाफा देखा गया। अभी भी इसी तरह
 
धार्मिक मामलों पर आस्था का लेपन इस तरह किया जा रहा है
कि आम जनता तो आम जनता उच्च शिक्षा केंद्रों में बैठे हुए दिग्गज भी श्रद्धा से वशीभूत होकर या कई अवसरों पर स्वार्थ से वशीभूत होकर वैज्ञानिक सोच से हटते हुए बात करते हैं। 
याद रखें राजस्थान उच्च न्यायालय के एक जज सब ने अपने एक निर्णय में मोर के गर्भवती होने की प्रक्रिया लिख दी थी। वेदों की ओर लौटने का नारा हमको स्वच्छ सामाजिक परिवेश बनाने में बांधा हो जाता है। अवतारवाद की कल्पना नागरिकों को अवतार के भरोसे बैठने रहने की आदत डालता है तभी तो, देश का प्रधानमंत्री स्वयं को नाम बायोलॉजिकल कहता है और उनके भक्त इस कथन के पूर्व से ही उसे अवतार घोषित कर चुके होते हैं।