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कच्ची शराब बिक्री संरक्षण के लिए बदनाम हो रहा पचपेड़ी

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समाचार :-
बिलासपुर, 4 नवंबर 2022 । ग्रामीण क्षेत्र के थानों में 2 साल पूर्व सीपत थाना क्षेत्र के 7 गांव कच्ची शराब के बड़े कारखाने और खपत केंद्र हुआ करते थे। पर अब यह केंद्र मस्तूरी ब्लॉक मल्हार के आगे पचपेड़ी थाना शिफ्ट हो गया है यहां पर कच्ची शराब का धंधा एक दर्जन गांव में चल रहा है। थाने के अंतर्गत लगभग 40 गांव बताया जाते हैं पचपेड़ी थाना 1 साल पूर्व तब चर्चा में आया जब गांव में लगभग एक दर्जन गाय दुधारू पशु मृत पाए गए और इन्हें गौठान में मरा हुआ बताते हुए सोशल मीडिया और दैनिक अखबारों में जमकर हल्ला मचाया गया जांच हुई और पता चला गांव में तो गौठान है ही नहीं। उसके बाद इस क्षेत्र में पशु तस्करी की खबरें लगातार आई तब पुलिस और पशु तस्करों के गठजोड़ पर भी काफी बवाल मचा था। लगभग 6 माह से इस क्षेत्र में कच्ची शराब का अवैध धंधा जमकर फल फूल रहा है। थाने के 200 मीटर पास ही स्थित एक ढाबे में खुलेआम कच्ची शराब सर्व की जा रही है। अमन पसंद नागरिक बताते हैं कि आबकारी और पुलिस को हफ्ता और दिल्ली वसूली से फुर्सत नहीं है। 7 गांव में 100 से अधिक लोग कच्ची शराब का धंधा कर रहे हैं बातचीत करने पर वे बताते हैं हमें तो शराब बनानी भी नहीं पड़ती बनाने का काम तयशुदा अलग लोग कर रहे हैं केवल मार्केटिंग हमारा काम है। पहले की अपेक्षा पकड़े जाने की संभावना कम हो गई है हां हिस्सा ज्यादा देना पड़ता है और अब तो हिस्सा लेने वाला भी दिन और तिथि तय कर चुका है। पैसा देने के लिए ज्यादा परेशानी नहीं होती। संरक्षण भी ठीक-ठाक मिलता है गांव किनारे सड़क के किनारे तालाब के पास मरघट के पास यहां तक कि घर में महिलाएं भी अब इस धंधे को संचालित कर रही है पचपेड़ी पुलिस का मुखबिर तंत्र कितना मजबूत है उसकी बानगी कुछ दिन पूर्व तब पता चली जब पिस्तौल लटकाए हुए एक युवा 1 हफ्ते तक लोगों को डराता घूमता था और उसने एक गुटखा ना मिलने पर हत्या की। खाने के भीतर इन दिनों मतभेद इसी हिस्से बाटे को लेकर है।