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मस्तूरी ब्लॉक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में रोष

जो पारे में पार्टी को नहीं जीता पाते, उन पर पार्टी को भीड़ जुटाना का विश्वास

24hnbc.com
बिलासपुर, 1 जुलाई 2025। 
जुलाई के प्रथम सप्ताह में ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को छत्तीसगढ़ आना है। कार्यक्रम निर्धारित हो चुका है, और बैठकों का दौर जारी है। बैठकों की जिम्मेदारी कुछ ऐसे लोगों को भी मिल रही है जिससे पार्टी के प्रति समर्पित नेता और कार्यकर्ताओं के बीच रोष है। मस्तूरी विकास खंड क्षेत्र के विधायक ने अपने ब्लॉक अध्यक्ष को इस बात की सूचना दी कि मस्तूरी क्षेत्र में संगठन की बैठकों का प्रभारी देवेंद्र सिंह को बनाया गया है। तभी से मस्तूरी ब्लॉक कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता दोनों के बीच असंतोष तेजी से बढ़ रहा है।
आम कार्यकर्ता भी अपने ब्लॉक अध्यक्ष से यह पूछ रहा है कि ऐसे प्रभारी महोदय जो अपने मोहल्ले के बूथ पर मतदान के दिन बैठने वाला नहीं ढूंढ पाते जिनके बुथ से 20 सालों में कांग्रेस नहीं जीत रही उनको मस्तूरी में प्रभार, आम कार्यकर्ता को नीचा दिखाना है। कुछ लोग यह भी कहते है कि बूथ नहीं जीता, वार्ड नहीं जीता वार्ड में भाजपा के प्रत्याशियों को इसलिए जीत मिलती है कि मोहल्ले के कांग्रेसी नेता पार्टी से ज़्यादा रिश्तेदारी पर ध्यान देते हैं। ऐसे नेता को मस्तूरी में ज़िम्मेदारी देना भविष्य में कांग्रेस की जड़ों को खोखला कर देगा।
विस्तार से देखें तो मस्तूरी में एक समय जोगी कांग्रेस का संगठन बेहद मजबूत हो गया था और विधायक भाजपा का था। जब प्रदेश संगठन ने ब्लॉक अध्यक्ष के रूप में नागेंद्र राय चेहरे को चुना तो धीरे-धीरे ब्लॉक में कांग्रेस का संगठन आकर लेता गया। विधानसभा चुनाव में दिलीप लहरिया को टिकट मिला भारतीय जनता पार्टी की आंधी में भी संगठन ने अपने दम पर एक ऐसे चेहरे को चुनाव जिताया जिसके प्रति पर्याप्त नाराजगी थी। चुनाव जीतने के बाद विधायक इस संगठन को दत्ता दिखाते रहते हैं। जिसकी दम पर वे चुनाव जीते लोकसभा चुनाव के वक्त भी जीते हुए विधायक से ज्यादा मेहनत संगठन के पदाधिकारीयों ने कि कांग्रेस के युवा ब्रांड कन्हैया कुमार की कम समय पर सफल आमसभा ब्लॉक संगठन के कारण ही संभव हो पाई। स्थानीय निकाय चुनाव में सत्ताधारी पार्टी जीत के लिए विधायक रोडा नहीं मानती। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष को टारगेट करती है। मतदान के 24 घंटे पूर्व उनके विरुद्ध मामले कायम किये जाते हैं। देर रात न्यायालय में प्रस्तुत किया जाता है और अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की सभा में श्रोता लाने के लिए देवेंद्र जी को प्रभारी बनाना संगठन को कमजोर कर देने के समान है।