
24hnbc
सोच समझकर लिखें, ऑनलाइन करने के बाद परिणाम के लिए हम तैयार रहें
- By 24hnbc --
- Tuesday, 01 Jul, 2025
24hnbc.com
बिलासपुर, 1 जुलाई 2025।
लिखने का उतावलापन या समझ बूझकर लिखी गई लाईन, वो दिन नहीं रहें की नेता इसे विशाल हृदय दिखाते हुए नजर अंदाज कर दें। सोशल मीडिया एक और डिजिटल मीडिया एक ही समाचार को दिन में कई बार छानता है। जून महीने में शहर के थाने सिविल लाईन में पत्रकारों के खिलाफ दो एफआईआर हुई। एक में तो नाम जद अभियुक्त का सत्र न्यायालय से अग्रिम जमानत प्राप्त हुई। और दूसरा मामला अभी पेंडिंग है, जो ज्यादा संवेदनशील है।
पहले केवल दैनिक अखबार हुआ करते थे पत्रकारों के लिखने पर इन हाउस एडिटिंग थी, अब यह इस एडिटिंग की प्रथा दैनिक अखबारों में भी कम है। स्थानीय स्तर से जैसा समाचार प्रेषित होता है यस का तस छप जाता है लगता है संपादक, डेक्स एडिटर, प्रांतीय प्रमुख जैसे पद जो संपादकीय में हुआ करते थे समाप्त है। और यही सच्चाई है।
बिलासपुर के सकरी तहसील में एक नाम विशेष भू माफिया सरकारी जमीनों को निजी बताकर बेचता है, और यह बात राजस्व विभाग के अधिकारी भी जानते हैं। पर ऐसा करने वाले का रसूख कुछ ज्यादा है, उसके काम में सहयोग न करने वाले, अड़ंगा डालने वाले, राजस्व अधिकारी का तबादला होता है। सत्ता चाहे किसी की हो, पर इस भू माफिया से सीधा संबंध किसी नेता का जुड़ा लिखा गया तो पर्याप्त दस्तावेज़ जो दोनों के अन्योनआश्रय संबंध को स्पष्ट करें होना चाहिए, अन्यथा एफआईआर होगी ही। नेताजी भूलने वाले नहीं....।
दूसरा मामला नगर पालिका निगम बिलासपुर के नेता प्रतिपक्ष हैं, विपक्ष में है तो पत्रकारिता कर रहे लोगों से ज्यादा मित्रवत है। क्योंकि जो मुद्दे बतौर विपक्षी नेता वे उठाएंगे मीडिया से मित्रवत रहेंगे तभी तो छपेंगे पर यहां तो उलट हो गया। जब समाचार के कारण नेता जी की सामाजिक छवि पर ही संकट आ जाएं तो शिकायत तो करनी ही पड़ेगी। और नेता प्रतिपक्ष ने वही किया। "ऑफेंस इस बेस्ट डिफेंस" छपने के बाद स्पष्टीकरण देते हुए घूमने से यह बेहतर लगा। कुल मिलाकर बगैर सोचे समझे लिख देना, दिखा देना से बेहतर है सोच समझ कर लिखना भले ही एक-दो घंटा देर हो जाए।