
24hnbc
स्मार्ट सिटी बिलासपुर में भी मिलने लगे ध्रुवीकरण के स्पष्ट संकेत
- By 24hnbc --
- Tuesday, 04 Mar, 2025
24hnbc.com
बिलासपुर, 5 मार्च 2025।
छत्तीसगढ़ बनने के साथ ही मौखिक तौर पर बिलासपुर को न्यायधानी का दर्जा प्राप्त हो गया। यह भी कहा जाता है कि बिलासपुर शांत और यहां की राजनीति समन्वय वाली है। पर अब जो संकेत दिए जा रहे हैं वे यह स्पष्ट करते हैं कि आने वाले समय में बिलासपुर जिले में ध्रुवीकरण की राजनीति तेज होगी।
पहला संकेत निर्वाचित महापौर की शपथ ग्रहण में संप्रभुता की जगह में बोली गई सांप्रदायिकता को अक्षून रखने की बात। दूसरा ऑफिस में कुर्सी में बैठने के पूर्व गंगाजल से शुद्धिकरण हालांकि यह नहीं बताया गया कि गंगाजल कहां का था। अर्थात किस स्थान से (प्रयागराज) से तो नहीं लाया गया था या फिर रहा होगा पोस्ट ऑफिस से लिया गया प्रमाणित गंगाजल।
विधानसभा चुनाव के समय ही स्टार प्रचारक के रूप में आए यूपी के मुख्यमंत्री श्री बिष्ट को जिस तरह दर्जनों बुलडोजरों की सलामी दी गई से यह झलक मिल गई थी। की आने वाला समय ध्रुवीकरण को तेज करने वाला होगा। जैकमेन मेमोरियल अस्पताल के तोड़ने में दिखाई गई अनावश्यक तेजी भी ध्रुवीकरण की ओर इशारा करती है। मुख्य शहर से लेकर जंगल तक इन दिनों गौ सेवकों की जिस तरह खबर आती है और लिखी जाती है। एक साधारण व्यक्ति को अपने पिता की अंतिम संस्कार के लिए तहसीलदार से लेकर उच्च न्यायालय तक भागना पड़ता है। इशारा यही है कि ध्रुवीकरण किया जाएगा, किया जा रहा है।
नजूल न्यायालय में बेजा कब्जा खाली करने के आवेदन पत्र छांट लिए जाएं, कितने आवेदन पर श्रेणीवार कितनी तेजी से कार्यवाही हो रही है। संकेत मिल जाएंगे की धुव्रीकरण कैसे किया जाता है। एक ही नजूल सीट के दो अलग-अलग भूखंड क्रमांक पर बेजा कब्जा है। एक में बेजा कब्जाधारी को बेचारा माना जाता है और दूसरे भूखंड पर कब्जा हटाने के लिए कार्यवाही तेज रहती है। धीरे-धीरे नेताओं और उनके समर्थकों के बयान भी धुव्रीकरण की ओर इशारा करते हैं। विशेष कर सोशल मीडिया में तो जाति पाति -जाति पाति की खोज जोर-शोर से होती है।