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आतंरिक सियासी कलह में उलझा स्टेट बार

 

24HNBC जबलपुर,  । प्रदेश के एक लाख वकीलों ने जिस मंशा से अपने प्रतिनिधि चुनकर स्टेट बार कौंसिल भेजे थे, वह पूरी नहीं हो पा रही है। कोविड-19 के दंश से घायल आर्थिक रूप से कमजोर वकीलों के कल्याण की मांग यथावत है। इसके विपरीत स्टेट बार के निर्वाचित सदस्य व पदाधिकारी परस्पर कलह में उलझे हैं। इसे लेकर जबलपुर सहित पूरे प्रदेश के संजीदा वकीलों के बीच असंतोष गहराता जा रहा है।इसे लेकर वकीलों के एक प्रतिनिधि मंडल ने हाई कोर्ट बार जबलपुर के सचिव व स्टेट बार को-चेयरमैन मनीष तिवारी से संपर्क साधा। शिकायत में कहा गया कि स्टेट बार की कार्यप्रणाली को वर्तमान सियासी झंझावात से मुक्ति दिलाई जाए। यदि इसी तरह कुछ माह और गुजर गए तो कोविड के दौर में परेशानी झेलने वाले वकील किसी तरह वापस पटरी पर आ जाएंगे। लेकिन उनकी सहायता ठंडे बस्ते में चली जाएगी। पूर्व में जो सहयोग मिला वह नाममात्र का था। उससे उनका कुछ खास भला नहीं हुआ है।कल्याण कोष पर सवाल भी उठाए: वकीलों ने यह सवाल भी उठाया कि अधिवक्ता कल्याण कोष किसलिए बनाया गया है? केंद्र व राज्य शासन से इस दिशा में कोई बड़ा पैकेज क्यों नहीं हासिल किया गया? वकील बेंच की मानिंद न्यायरथ के पहिए की भूमिका में होने के बावजूद न्यायाधीशों के मुकाबले काफी बुरी स्थिति में हैं। कोविड के दौरान में न्यायाधीशों को अदालतें बंद होने के बावजूद पूरा वेतन मिलता रहा, जबकि वकील भौतिक सुनवाई के अभाव में हलकान होते रहे।