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कानून प्रदत अधिकार की आलोचना कर बिना मतलब के विवाद को हवा दे गई किरणमई नायक
- By 24hnbc --
- Thursday, 10 Dec, 2020
बिलासपुर। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने कल बिलासपुर में कानूनन बालिक हो चुकी लड़कियों के मामले में एक विवादित बयान दे डाला। उन्होंने कहा कि बदलते हुए सामाजिक परिवेश में युवतियां बालिक होने के तुरंत बाद प्यार मोहब्बत के चक्कर में पढ़ती हैं, और फिर एक आध वर्ष में एक बच्चा गोद में लेकर हमारे पास आ जाती है, उन्हें समझना चाहिए की कैरियर बनाने की उम्र में प्यार मोहब्बत ना करें विवाद इस विषय पर है कि यदि विवाह की आयु कानून ने 18 वर्ष तय की है और उसका लाभ लेकर कोई लड़की विवाह करती है और उसके बाद उसका वैवाहिक जीवन किन्ही कारणों से टिक नहीं पाता तो उसके द्वारा उठाए जा रहे कानूनी लाभ की आलोचना कैसे की जा सकती है ।18 वर्षों की उम्र में यदि माता-पिता युवती की शादी कर देते हैं और वह वैवाहिक संबंध नहीं टिक पाता तब क्या आलोचना का नजरिया तब भी यही होगा। वैसे भी इन दिनों शादी की आयु को लेकर माननीय उच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष 2 दिनों से बिलासपुर में हैं और आयोग लगातार सुनवाई कर रहा है । और इसी बीच आयोग की अध्यक्ष ने पत्रकारों के सवालों के जवाब भी दिए देखा गया कि आयोग के अध्यक्ष के आजू-बाजू कांग्रेस के नेता बैठे नजर आए यह समझ नहीं आता की महिला आयोग के अध्यक्ष का पद संवैधानिक पद है और उन्हें संविधान प्रदत अधिकार भी है आयोग के अध्यक्ष की हैसियत से जब वे पत्रकार वार्ता संबोधित करती है तो अन्य किसी का पास में बैठना उचित नजर नहीं आता है।