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दारु के अवैध धंधे में भी अगड़ा-पिछड़ा, बलौदाबाजार का मामला

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बलौदाबाजार , 22 अक्टूबर 2024। समाचार संकलन जिला प्रतिनिधि 
बलौदाबाजार में 8 दिन पूर्व हथबंध थाना क्षेत्र अंतर्गत पकड़ी गई अवैध शराब के मामले में कार्यवाही में लोचे का संकेत है। एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक 600 पेटी दारू पकड़ी गई। एफआईआर के मुताबिक 532 पेटी पकड़ी गई। पूरा मामला ग्राम  हथबंध पुलिस ने अपनी पीठ थपथपाई और बताया कि अवैध शराब का धंधा दशहरे जैसे त्यौहार में बढ़ जाता है। उन्हें क्या मालूम था कि ऐसा कह कर वे उत्सव प्रेमी सनातनी धर्म वालों को आइना दिखा रहे हैं। 
बलौदाबाजार जिले में खुले आम अवैध शराब की बिक्री को लेकर 2 साल से लगातार खबरें आ रही है और यह धंधा लगातार अपने मार्केट को बढ़ा रहा है। धंधे के सूत्र बताते हैं कि अवैध शराब की बिक्री के पीछे सरकारी दारू बेचने वाले सुपरवाइजर और सेल्समेन ही है। और निश्चित कीमत से ओवर रेट पर दारू बेचना अवैध शराब बिक्री का सबसे बड़ा कारण है। अब बात करें हाथबंध थाने क्षेत्र में पकड़ी गई दारु के कुल कीमत जो पुलिस ने बताई 34 लाख है। तीन आरोपी भी पकड़ लिए गए पुलिस की एफआईआर में जो नाम आया है उनकी आयु बता रही है कि मामला संदिग्ध है। दो आरोपियों की आयु 19 साल है। एक गिरफ्तार है एक नहीं गिरफ्तार और गायब के बीच पिता पुत्र का संबंध है। पहले ऐसा कहा जाता था कि अपराधी अवैध कामों से अपनी संतान को दूर रखते हैं पर यहां ऐसा नहीं है। अवैध शराब का धंधा पूरा परिवार करने लगता है। पकड़ी गई दारु की मात्रा जो एफआईआर में बताई गई जो समाचार में आई उसमें भिन्नता बड़ी बात नहीं है, पर नाम ना आने की शर्त पर यह बताया गया कि असल में फार्म हाउस से 700 पेटी शराब पकड़ी गई थी। लगभग 168 पेटी अवैध शराब कहां गई और कई बार ऐसे भी आरोप लगाते हैं कि अमला स्वयं ही ऐसी बचत पेटीयो को कथित आरोपियों के मत्थे मढ़ या तो मामला बना देता है या ऊपरी कमाई करता है। इस पूरे प्रकरण में यह भी कलई खुल गई जिस आबकारी विभाग को अवैध शराब पकड़ता है उसके पास इस काम के लिए उड़न दस्ता भी बना है। यह पीछे रह गया और हथबंध पुलिस ने बाजी मार ली। विभाग के कुछ लोग यह कहने से नहीं छुपाते की व्यवसाय और चौकीदारी एक साथ नहीं होती। हथबंध पुलिस अब एक फरार आरोपी को पकड़ने में जुटी है जिसका नाम तो जांच में आया है पर घटनास्थल पर नहीं था लगता है अवैध शराब के धंधे में गुटबाजी एक दूसरे को काट रही है। 
कहते हैं जिले में अवैध शराब का धंधा दो सिंडिकेट संचालित करते हैं इनके बीच जातिगत भेदभाव भी है एक अगड़ा तो दूसरा दलित है। सो व्यवस्था का आशीर्वाद जिसे नहीं मिलता उसका माल ज्यादा पकड़ता है। अगड़े के तो बैनर पोस्टर भी बलौदाबाजार में समाज सेवा करते देखे जाते हैं।