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गठन के 10 साल, नकारात्मक छवि से नाम कमा रहा है बलौदाबाजार जिला

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बिलासपुर/बलौदाबाजार, 4 सितंबर 2024। 
छत्तीसगढ़ राज्य का बलौदाबाजार जिला इन दोनों राजनीतिक, न्यायिक सुर्खियां बटोर रहा है। दो मामले ऐसे हैं जिसने यह इशारा कर दिया कि राज्य के नवगठित जिलों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पहला मामला शासकीय कार्यालयों का षडयंत्र पूर्वक जलाया जाना और दूसरा मामला है सेक्स स्कैंडल जिसमें लोकतंत्र में जिन्हें सम्मानित समझा जाता है उसे वर्ग के कुछ लोगों के द्वारा एक्सट्राशन का संयुक्त गैंग चलाना। बलौदाबाजार आगजनी के मामले में 12 एफआईआर दर्ज है। 6970 पेज का चालान जमा हुआ है अभी तक 365 गिरफ्तारियां हुई, कुल मिलाकर 12 करोड रुपए की संपत्ति का नुकसान होना बताया जाता है। 
अब दूसरा मामला दिखने में छोटा है पर बेहद संवेदनशील यह मामला है जिले के अंदर संचालित हो रहे सेक्स एक्सट्राशन गिरोह कुछ गिरफ्तारियां हुई कुछ फरार हैं। 4 एफआईआर हो चुकी है, एक अभी भी होगा बचा है। इस मामले में वकालत का पेशा, पत्रकारिता का पेशा, खाकी और नेता में से वो सब चेहरे उजागर हुए जो इस घटिया रास्ते से लंबा पैसा कमाने की चाह रखते हैं। एक हेड कांस्टेबल, एक पत्रकार, एक वकील, पूर्व विधायक का प्रतिनिधि अंदर गए। एक टी आईं अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रकरण के कागजों को अध्ययन कर रहा है कि उसके अंदर जाने और अग्रिम जमानत के कितने चांस हैं। जिले में पत्रकारिता का पेशा बुरी तरह बदनाम है। नवगठित जिला और बड़े उद्योग के कारण यहां पर इस पेशे में पैसा कमाना आसान है। किसी दैनिक अखबार का मुद्रण संस्थान यहां न होने के कारण यहां के पत्रकार कानूनी और नैतिक अंकुशों को समझते ही नहीं कोई बताना भी नहीं चाहता सबका एकमात्र दिखने वाला उद्देश्य रेवेन्यू जेनरेट करना है, तरीका कुछ भी हो। सेक्स एक्सट्राशन की खबरों को दबाने कल तक जो खबर्ची पैसा वासुलते घूम रहे थे अब वापस करते बताए जाते हैं। कुछ खबर्ची स्वयं की निष्पक्षता और स्वयं को विसीलग्लोबल बताते हुए पुलिस अधीक्षक से लेकर मुख्यमंत्री तक चिट्ठी लिख रहे हैं। उद्देश्य एक ही है एक्सट्राशन के मामले में कहीं नामजद आरोपी न बन जाए। हर पत्रकार स्वयं को पाक साफ या कोई फंसा रहा है बताता है। घोषित रूप से एक से अधिक बार अपंजीकृत प्रेस क्लब की बैठक भी हुई है जो इस मुद्दे पर केंद्रित रही अभी भी एक्सट्राशन के मामले में एक एफआईआर का डरावना इंतजार है।