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समाज कल्याण फिर होगा परेशान, निशक्त शोध संस्थान जनहित याचिका फिर हुई सूचीबद्ध

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बिलासपुर, 23 अगस्त 2024। 
एक समय छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक हल्का में हलचल मचा देने वाली राज्य स्रोत निशक्तजन संस्थान में हुए घोटाले की जनहित याचिका पर सुनवाई फिर से प्रारंभ हुई। शासन की ओर से जवाब के लिए समय मांगा गया, अब यह सनी एक सप्ताह बाद होगी। इसी एनजीओ में एक समय नौकरी करने वाले कुंदन सिंह ठाकुर ने आरटीआई के माध्यम से दस्तावेज इकट्ठे किए और फिर जनहित याचिका दायर की, इस जनहित याचिका में अब कुछ रिटायर्ड हो चुके इस आईएएस और वर्तमान के बड़े प्रभावशाली अधिकारियों का नाम शामिल है। 
यह जनहित याचिका भी मुख्य तौर पर समाज कल्याण विभाग में हुए घोटाले से संबंधित है प्रभावशाली आईएएस अधिकारियों ने एक गैर सरकारी स्वयंसेवी संगठन बनाया सरकार के विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का पैसा इतनी बार कागजों पर एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर किया कि अकाउंट बेहद जटिल हो जाए। और बाद में निशक्त शोध संस्थान जिसे सरकारी संस्था समझा जा रहा था उससे कार्य होना दिखाया जाए। हाई कोर्ट बिलासपुर इस संदर्भ में एक बार सीबीआई को एफआईआर करने का आदेश दे चुका है। तब प्रभावित हो रहे अधिकारी एसएलपी दायर कर उच्चतम न्यायालय से स्थगन प्राप्त किए थे। निशक्त शोध संस्थान का पूरा कांड डॉक्टर रमन सिंह के मुखिया होने के काल का है।