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बिल्हा अस्पताल का अमन सिंह कौन

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बिलासपुर, 1 अप्रैल 2024।
आप कहेंगे यह भी कोई प्रश्न है , पर छत्तीसगढ़ राज्य में ऐसा ही है। राज्य बनने के प्रथम 3 साल यहां सीएम अजीत जोगी थे, उनके बाद डॉक्टर रमन सिंह के 15 वर्ष सुपर सीएम अमन सिंह बताए जाते हैं वे संविदा पर थे बताए जाते हैं। फिर 5 साल भूपेश बघेल राज आया सुपर सीएम का किताब राज्य प्रशासनिक सेवा की एक अधिकारी सौम्या को मिला जिनके दो सर नेम बताए जाते हैं। चौरसिया और मोदी
हम एक ऐसे मैनेजर की बात कर रहे हैं जो 12 वर्षों से संविदा की नौकरी स्वास्थ्य विभाग में कर रहा है। उनका कभी तबादला नहीं हुआ बिल्हा में लगातार 12 साल पद ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर बीपीएम हद तो यह है कि 19 सितंबर 2017 को मिशन संचालक कार्यालय से 3 माह के भीतर कार्य सुधार नोटिस निकाल। नोटिस पाने के बाद ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर के जवाब से कभी संतुष्टि नहीं हुई कायदे से तो उनकी नौकरी ही समाप्त हो जानी थी पर कर्मचारी संघ जो कभी शिकायतकर्ता हुआ करता था, वही बाद में संरक्षक बन बैठा राज्य स्वास्थ्य सेवा के एनएचएम एचआर ने 29 सितंबर 2017 को पहले नोटिस निकाला इस नोटिस में मस्तूरी ,बिल्हा, सुकमा, गरियाबंद, मरवाही, पेंड्रा के बीपीएम का कार्य संतोषजनक नहीं था और 3 माह के भीतर कार्य सुधारने का आदेश था। 28 दिसंबर 2017 को पूरे राज्य में 115 बीपीएम का कार्यकाल बढ़ा पर 6 बीपीएम का नाम इस सूची में नहीं था। मसूरी ब्लॉक के बीपीएम ने इस्तीफा दे दिया पर बिल्हा में ऐसा नहीं हुआ। 9 अक्टूबर 2018 को कर्मचारी संघ ने बिल्हा बीपीएम पर गंभीर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाए जिस पर बीपीएम बिल्हा से जवाब मांगा गया जवाब संतोषजनक नहीं आया। इस बार उप संचालक ने नोटिस दिया दो पेज का जवाब प्रस्तुत हुआ संतोषजनक नहीं पाया गया। 29 सितंबर को फिर नोटिस हुआ जवाब दिया गया पर संतोषजनक नहीं पाया गया इतने सब के बावजूद बिल्हा के बीपीएम में ऐसे कौन से सुर्खाब के पर लगे हैं कि वे नियमों को धत्ता बताकर न केवल नौकरी कर रहे हैं वेतन ले रहे हैं और बिल्हा के अमन सिंह बनकर अस्पताल का संचालन कर रहे हैं। राज्य में सरकार किसी की हो स्वास्थ्य मंत्री कोई हो बिल्ला के इस अमन सिंह की टशक में कभी कोई कमी नहीं होती।