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किसकी लापरवाही की कब्र से पोस्टमार्टम के लिए निकालनी पड़ी देह

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समाचार -
बिलासपुर, 21 मई 2023। पुलिस के विभागीय स्तर पर एक से अधिक बार उच्च अधिकारियों द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि सड़क दुर्घटना, असामान्य मौत, संदिग्ध मौत के साथ ही अनक्लेम मौत के मामलों में पोस्टमार्टम आवश्यक रूप से किए जाएं ऐसा निर्देश इस कारण दिया जाता है कि भविष्य में मृत्यु पश्चात शिकायतें ना हो और यदि हो तो उसके लिए जवाब पहले से उपलब्ध रहे। ऐसे निर्देशों का पालन तभी हो सकता है जब संबंधित पक्ष ईमानदारी और व्यावसायिक प्रतिबद्धता के साथ अपने उत्तरदायित्व को पूरा करें। बतौर तारीखों के झमेले में पड़े यह पता चलता है कि जिस दिन गर्म दास मानिकपुरी और उसके एक बेटा बाइक सवार का रोड एक्सीडेंट हुआ दुर्घटना के बाद स्वास्तिक हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती हुआ । वहीं पर घायलों का पुलिस बयान भी लिया गया मतलब सड़क दुर्घटना संबंधित थाने में दर्ज है। इलाज से फिर असंतुष्ट होने पर अस्पताल बदला गया अगला अस्पताल जो चुना गया हुआ है उसकी नैतिक जवाबदारी बनती है कि यदि मरीज के साथ अनहोनी हो जाए तो संबंधित निकटतम थाना को सूचना दी जाए और संबंधित थाने की जवाबदारी है कि मृतक का पोस्टमार्टम हो, मानिकपुरी का मामला 1 से अधिक लोगों की लापरवाही के कारण आवश्यक रूप से सनसनीखेज हो गया। हमने कई बार लोगों को पोस्टमार्टम से बचने के लिए बड़ी एप्रोच लगाते देखा वह सुना है अभी मानिकपुरी प्रकरण की जांच चल रही है ऐसे में जांचकर्ताओं को अपने स्तर पर यह भी देखना चाहिए कि मृत्यु दिनांक और समय के बाद मृत्यु सूचना थाने तक ना पहुंचाने का काम यदि हुआ तो किसने किया। अगर मानिकपुरी की देह का अंतिम संस्कार दाह संस्कार के रूप में हुआ होता तो क्या होता ? 
पोस्टमार्टम के समय मस्तूरी क्षेत्र के एक कांग्रेसी नेता अपना उत्तरदायित्व मानते हुए वहां उपस्थित थे ऐसे प्रभावशाली जनप्रतिनिधियों का यह भी नैतिक कर्तव्य बनता है कि वह सड़क दुर्घटना में हुई मृत्यु का पोस्टमार्टम उसी समय करवाने के लिए जागरण अभियान चलाएं जब मौत होती है यदि ऐसा होगा तो अनावश्यक रूप से पुलिस प्रशासन स्वास्थ्य महकमा परेशान होने से बचेगा।