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चैनल के वकील ने माना की वे नेटवर्क अधिनयम का पालन करेंगे

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘रिपब्लिक टीवी’ और ‘टाइम्स नाउ’ को कथित ‘गैर जिम्मेदाराना और अपमानजनक टिप्पणियां’ करने या प्रकाशित करने से रोकने के अनुरोध वाली बॉलीवुड के प्रमुख निर्माताओं की याचिका पर संबंधित मीडिया घरानों से सोमवार को जवाब मांगा.अदालत ने दोनों समाचार चैनलों से बॉलीवुड के बारे में अपमानजनक कंटेंट प्रसारित न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा है.जस्टिस राजीव शकधर ने ‘एआरजी आउटलायर मीडिया’ और ‘बेनेट कोलमैन’ समूह से यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि उनके चैनलों या सोशल मीडिया मंचों पर कोई मानहानिकारक सामग्री ‘अपलोड’ न की जाए.याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कड़ी टिप्पणी की और पीछा कर रहे मीडिया से बचने की कोशिश के दौरान ब्रिटेन की राजकुमारी डायना की मौत का जिक्र किया तथा कहा कि ‘स्वर कुछ धीमा किए जाने’ की आवश्यकता है, क्योंकि लोग ‘लोकतंत्र के चौथे स्तंभ’ से इसकी शक्तियों की वजह से भयभीत हैं.अदालत ने याचिका पर ‘रिपब्लिक टीवी’, इसके प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी और रिपोर्टर प्रदीप भंडारी, ‘टाइम्स नाउ’, इसके प्रधान संपादक राहुल शिवशंकर और समूह संपादक नविका कुमार और गूगल, फेसबुक तथा ट्विटर से जवाब मांगा.सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में फिल्म इंडस्ट्री को बुरा भला कहने को लेकर समाचार चैनल रिपब्लिक टीवी, उसके प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी, टाइम्स नाउ, उसके प्रधान संपादक राहुल शिवशंकर और समूह संपादक नविका कुमार और अज्ञात प्रतिवादियों के ख़िलाफ़ चार फिल्म एसोसिएशनों और 34 निर्माता संगठनों ने याचिका दाख़िल की है.प्रमुख फिल्म निर्माताओं ने विभिन्न मुद्दों पर बॉलीवुड के सदस्यों के खिलाफ ‘गैर जिम्मेदाराना और अपमानजनक टिप्पणियां’ करने या प्रकाशित करने तथा कथित मीडिया ट्रायल पर रोक लगाने का आग्रह किया है.मीडिया घरानों के वकील ने अदालत को यह आश्वासन दिया कि वे कार्यक्रम संहिता और केबल टीवी नेटवर्क (नियमन) अधिनियम का पालन करेंगे.