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कानून का रक्षा कवच क्या केवल युवतियों के लिए है, आशिक हरीश की कहानी.....
24 HNBC. बिलासपुर
बिलासपुर। जब कोई युवती के साथ धोखा हो जाए और युवक अन्यत्र शादी करने लगे तो युवती के पास ऐसे कई तरीके हैं जिसे उपयोग करके वह युवक की शादी को ना केवल रोक सकती है यहां तक कि उसे जेल की हवा भी खिला सकती है। किंतु यही काम यदि युवती करने पर उतारू हो जाए या उसके पालक अपनी लड़की की शादी किसी अन्य युवक से करने को तैयार हो तो धोखा खाए युवा के पास विकल्प ना के बराबर है। ऐसा ही एक घटनाक्रम इन दिनों सरकंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत हरीश कुमार के साथ हो रहा है । हरीश कुमार के विरुद्ध 9.8.2020 को सरकंडा थाना क्षेत्र में एक शिकायत दाखिल हुई जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि हरीश कुमार की हरीश कुमार लहरें उसके घर की एक युवती को लेकर भाग गया है दस्तावेज के अनुसार जिसे लेकर भागा गया उसकी उम्र 17 वर्ष 5 माह 28 दिन थी कानूनन बालिक होने में सिर्फ 6 माह बचे थे पुलिस ने कार्यवाही की युवक युवती को उन्हीं के एक रिश्तेदार के यहां बरामद किया और प्रकरण कोर्ट में प्रस्तुत हुआ नियमानुसार युवती नाबालिग थी अतः उसे संप्रेक्षण गृह भेजा गया जहां से बाद में उसके बालों को ने उसे प्राप्त किया युवक बालिक था अतः जेल गया किंतु युवती ने बड़े बेबाकी से न्यायालय के सामने यह स्वीकार किया कि उसके शारीरिक संबंध मर्जी से बने इसी तथ्य को ध्यान में रखकर मात्र 9 दिन के भीतर युवक को जमानत प्राप्त हो गई हरीश ने बताया कि जेल से छूटने के बाद भी युवती से उसकी मोबाइल पर बातचीत हुई है और युवती ने शादी की इच्छा जाहिर की साथ ही यह भी अंदेशा बताया कि उसके पिता बिना उसकी सहमति के अन्यत्र विवाह तय कर सकते हैं। अब युवक को पता चला है कि ऐसा हो रहा है और युवक परेशान हैं क्योंकि युवती का कोई भी संपर्क बन नहीं पा रहा ऐसे घटनाक्रम में कई बार यह लगता है की पूरी कानूनी प्रक्रिया क्या नारीवादी संरक्षण के आधार पर एक तरफा नहीं रची जा रही यदि भावनाओं से खेलने की बात है और दिल टूट जाने की बात है तो दिल चाहे स्त्री का हो या पुरुष का उसमें खून उतना ही संचरण करता है जितनी भावनाएं. ...!