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नहर घोटाले की जांच तीन माह में करे - हाईकोर्ट

 

जबलपुर,24HNBC 

 मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नहर घोटाले से संबंधित याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता तीन माह के भीतर शिकायत पर समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करें। साथ ही नहर के अविलंब पुनर्निर्माण व रखरखाव की दिशा में गंभीरता बरते जाने के भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं।25 लाख रुपये का गबन किया गया: न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता रीवा निवासी कृषक भैयालाल कोल, अमित पटेल व राजू पटेल की ओर से अधिवक्ता मानस मणि वर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि रीवा जिला अंतर्गत हनुमना तहसील के ग्राम बरांव पहाड़ी में किसानों की सुविधा के लिए नहर का निर्माण कराया गया था। नहर की स्थिति खराब होने के कारण संथा अध्यक्ष राजमणी पटेल को जिम्मा सौंपा गया। 25 लाख रुपये जारी किए गए। लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से नहर सुधार के स्थान पर महज रस्म अदायगी करके राशि का गबन कर दिया गया।पहली बारिश में ढह गई नहर: कोर्ट में दलील दी गई कि नहर के रख रखाव की दिशा में गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया। इस वजह से पहली बारिश में नहर के किनारे बह गए। इससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलने की सुविधा से वंचित होना पड़ा। जब इस मामले की शिकायत हुई तो अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन विभाग ने जांच करवाई। जांच में पाया गया कि संथा अध्यक्ष राजमणी पटेल ने एसडीओ व इंजीनियर की मौन सहमति से गड़बड़ी की है। कर्त्तव्य का निर्वहन ठीक से नहीं किया गया। लिहाजा, एसडीओ व इंजीनियर तीन माह में नहर का सुधार व रख रखाव सुनिश्चित करें। ऐसा न होने पर वसूली की कार्रवाई की जाए। इसके बावजूद गंभीरता नदारद रही। इस वजह से नहर की हालत बद से बदतर होती चली गई। लिहाजा, व्यापक किसान हित में हाई कोर्ट आना पड़ा।