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चिकित्सा का पेशा फिर हुआ दागदार, डॉक्टरों की लापरवाही से पांच बच्चे हुए मां की ममता से मरहूम

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बिलासपुर, 5 जनवरी 2024।
सरकार की स्वास्थ सेवा पर भरोसा घटने का परिणाम है सुनीता यादव की मृत्यु, इसे चिकित्सकों का अत्यधिक पेशेवर भी कारण माना जा सकता है बिलासपुर से गतौरा की दूरी 10 - 12 किलोमीटर है। सुनीता का पति राजेंद्र यादव राजमिस्त्री का काम करता है। शायद छत्तीसगढ़ में काम की कमी उसे गुजरात जाने पर मजबूर करती है। सुनीता पूर्व से हैं 3 बच्चों की मां है। दो लड़का और एक लड़की अबकी बार जब वह गर्भवती हुई तो अकलतरा के एक सोनोग्राफी सेंटर पर सोनोग्राफी कराने के बाद पति पत्नी को पता चला कि इस बार जुड़वा संताने हैं।
नवंबर 2023 सुनीता के पति राजेंद्र को तारीख ठीक से याद नहीं है। पर नंबर माह में वो और उसकी पत्नी तोरवा रोड स्थित मित्रा नसिंग होम गए थे। डॉक्टर ने खून की कमी बताई उसी की सलाह पर 3 बोतल खून भी चढ़ाया गया। 3 दिसंबर को दर्द उठने पर राजेंद्र यादव अपने साधन से सबसे पहले बिलासपुर के सबसे बड़े अस्पताल छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान सिम्स पहुंचा। पर्ची कटवाया जच्चा बच्चा वॉर्ड में रखे किसी को इलाज ना करते देख उसने पांच बजे अपनी पत्नी को निजी चिकित्सालय ले जाने की सोची।
राजेंद्र यादव के बताए अनुसार सब उससे अपनी इच्छा से अपनी जवाबदारी पर अपनी पत्नी को ले जा रहा हूं। लिखवाया गया इसके बाद दंपती मित्रा नर्सिंग होम पहुंचे पति के बताए अनुसार डॉक्टर ने पहले 10000 रुपए जमा करने कहा जो की किया गया। बाद में इलाज में देरी होती गई जिसके कारण पूरा मामला बिगडा मित्रा नर्सिंग होम में डाक्टर शुभ्रा मित्रा ने सिजेरियन से बच्चों का जन्म कराया। डॉक्टर के अनुसार सिजेरियन के बाद मरीज का ब्लड प्रेशर सामान्य पर नहीं आ रहा था जिस कारण विशेषज्ञ चिकित्सक को ऑन कॉल बुलाया गया। जिन्होंने मरीज को आईसीयू में भेजने कहा।
इस पूरी कहानी में सबसे पहले लापरवाही गांव की एन एम की है। गतौरा बस्ती में कई मितानिन सक्रिय है पर किसी के पास सुनीता यादव पंजीकृत नहीं है। यदि पंजीयन होता तो उसे गर्भावस्था के प्रारंभ में अनिवार्य टिके और पौष्टिक भोजन केंद्र से मिल सकता था। प्रारंभिक गलती का परिणाम सुनीता यादव को भुगतना पड़ा और अब उसके दो बच्चे जो पैदा होते ही अस्पताल पहुंच गए हैं, को पूरे जीवन भोगना पड़ेगा। तीन बच्चे पूर्व के जिसमें दो लड़के और एक लड़की शामिल है की जिंदगी भी कष्टप्रद हो गई। सिम्स की लापरवाही उस समय फिर से उजागर हुई जब यहां की व्यवस्था पर उच्च न्यायालय, न्याय मित्रों से लेकर कलेक्टर तक की निगरानी है पर सिम्स के कर्मचारी डॉक्टर सहित कसम खा कर बैठे हैं ना सुधारने के लिए। पूरा समाचार सुनीता यादव के पति राजेंद्र यादव के बयान पर है और इस संदर्भ में मित्रा नर्सिंग होम की डॉक्टर से भी वस्तु स्थिति की जानकारी ली गई।
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