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शिक्षा क्षेत्र में भारी कटौती

 

 

24HNBC नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को पेश वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट में में शिक्षा को 93,224.31 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले साल के बजट से छह हजार करोड़ रुपये कम है.वित्त वर्ष 2020-21 के मूल बजटीय आवंटन में मंत्रालय को 99,311.52 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था.हालांकि, देश में कोविड-19 महामारी के संकट और संक्रमण के प्रकोप के कारण कक्षाओं को बंद करना पड़ा था और इसके कारण बजट को संशोधित कर 85,089 करोड़ रुपये कर दिया गया था. इस तरह से यह बजट चालू वित्त वर्ष के संशेधित अनुमानों से 8,100 करोड़ रुपये अधिक है.सोमवार को घोषित केंद्रीय बजट के अनुसार, स्कूली शिक्षा के बजट में सबसे अधिक करीब पांच हजार करोड़ रुपये की कटौती की गई है.स्कूली शिक्षा विभाग को 54,873 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं जो पिछले बजट में 59,845 करोड़ रुपये थे.यह 4,971 करोड़ रुपये की कमी को दर्शाता है.उच्च शिक्षा विभाग के बजट में इस साल करीब एक हजार करोड़ रुपये की कटौती की गई है. उच्च शिक्षा विभाग को इस बार 38,350 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जो पिछले बजट में 39,466.52 करोड़ रुपये रहा था.बजट में स्कूली शिक्षा योजना समग्र शिक्षा अभियान के आवंटन में कमी दर्ज की गई है और इसके लिए 31,050 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जो पिछले बजट में 38,750 करोड़ रुपये था.लड़कियों के लिए माध्यमिक शिक्षा की राष्ट्रीय प्रोत्साहन योजना के लिए आवंटन महज एक करोड़ रुपये किया गया है जो चालू वित्त वर्ष में 110 करोड़ रुपये था.केंद्रीय विद्यालयों के लिए आवंटन बढ़कर 6,800 करोड़ रुपये तथा नवोदय विद्यालयों के लिए आवंटन 500 करोड़ रुपये बढ़ाकर 3,800 करोड़ रुपये किया गया है. मध्याह्न भोजन योजना का बजट बढ़ाकर 11,500 करोड़ रुपये किया गया है.केंद्र सरकार भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के गठन के प्रस्ताव के क्रियान्वयन के लिए इस वर्ष विधेयक पेश करेगी.


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