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न्यायालय में सुनवाई पूर्व ही दो गुट में बटे समाचार

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बिलासपुर, 22 जुलाई 2024। 
हाईकोर्ट में सुनवाई के पूर्व शिवनाथ नदी में प्रदूषित बेस्ट छोड़ने के मामले में वाइन फैक्ट्री के पक्ष विपक्ष में प्रायोजित समाचार डिजिटल मीडिया पर खूब प्रकाशित हो रहे हैं। अविभाजित बिलासपुर जिले में स्थापित दो वाइन फैक्ट्री कोटा क्षेत्र की वेलकम, घुमा वर्तमान मुंगेली जिला की भाटिया बिसलेरी हमेशा चर्चाओं में रही। सत्ता किसी की भी रही हो दोनों फैक्ट्रियों के राजनीतिक संबंधों के कारण इसके उत्पादन इकाइयों में होने वाली बड़ी से बड़ी अनियमितता मैनेज हो जाती हैं। मामला केवल बिसलेरी से निकलने वाले प्रदूषित बेस्ट का नहीं है। सिरगिट्टी औद्योगिक क्षेत्र में कोल्ड ड्रिंक निर्माता बॉटलिंग प्लांट भी पानी को खूब दूषित करता है। शिवनाथ नदी में बड़ी संख्या में मछलियां मृत अवस्था में मिली मामले ने तूल पकड़ा। 
मीडिया में खबरें छापी और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में पंजीकृत कर लिया आज 22 तारीख को चीफ जस्टिस की डीबी में सुनवाई होनी है। राज्य सरकार, सचिव, सहआबकारी आयुक्त, पुलिस अधीक्षक, पर्यावरण विभाग पक्षकार हैं। इसी बीच यह खबर भी चल पड़ी की शिवनाथ नदी में जो मृत मछलियां है वे पड़ोसी ग्राम पंचायत के तालाब की मृत मछलियां शिवनाथ नदी में डाल दी गई। इस समय छत्तीसगढ़ के कई जिलों में भूमिगत पेयजल, नदियों का पानी और तालाब के पानी के कारण आम नागरिकों को स्वास्थ्य संकट में। बीजापुर में भी स्वच्छ पेयजल का संकट है लोगों की की किडनीयां खराब हो रही है। 
राज्य बनने के इतने साल बाद भी जल, जंगल के साथ हम अपना जीवन सुरक्षित नहीं कर पा रहे हैं और 800 - 1000 रुपए कुछ नागरिकों को देकर अपने उत्तरदायित्व से भाग रहे हैं। शराब फैक्ट्रियां हैं तो उद्योग ही इन्हें विशेष आय का जरिया मानकर छूट नहीं दी जा सकती। पानी का प्रदूषण केवल मनुष्य के लिए नहीं पशु और पक्षियों के लिए भी संकट का कारण बनता है। अपनी किसी भी कारण कहीं से भी दूषित किया जा रहा हो उसे खोज जाना चाहिए। दुकालू नहीं सुकालू जिम्मेदार है कह कर पल्ला झाड़ना आसान है, मामला सिर्फ एक शिवनाथ नदी के पानी का नहीं है यह नदी की रेत से बड़ा मुद्दा है और सीधे जीवन पर संकट है।