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भ्रष्ट इंजिनियर और ठेकेदार पर क्यों नहीं हो रही कार्यवाही, क्या कार्यवाही करने वाले भी.....?

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बलौदाबाजार, 12 जुलाई 2024। समाचार संकलन जिला प्रतिनिधि 
शासन प्रशासन ग्रामीण इलाकों में शिक्षा स्तर सुधारने व व्यवस्थाएं जुटाने के लिए लाखों, करोड़ो रूपए खर्च करता है। लेकिन जमीनी स्तर पर इनका बहुत ज्यादा लाभ ग्रामीण छात्रों को नहीं मिल पाता, ऐसा ही मामला बलौदाबाजार विकासखण्ड के ग्राम पंचायत पनगाँव का सामने आया है। भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी पर कड़ी कार्यवाही करने एवं इस पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार भले ही बड़ी बड़ी बातें करे या अधिकारी कर्मचारियों को तमाम निर्देश जारी करे इसके बावजूद भी जिले में सरकारी कार्यों की देखरेख करने वाले अधिकारियों का रवैया नहीं बदल रहा है । जहां एक करोड़ 17 लाख रूपये की लागत से स्वामी आत्मानंद हिंदी मिडियम भवन का निर्माण काम कराया गया। लेकिन इस भवन के निर्माण में शुरू से ही लापरवाही बरती गयी। निर्माण की गुणवत्ता काफी घटिया होने की वजह से उक्त भवन का दीवार कभी भी गिर सकता है।ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा विभाग के बनाए गए स्कूल भवनों का पोल इस बरसात में सामने आ रहा भवन की नींव मजबूत हो या ना हो लेकिन भ्रष्टाचार की नींव ज्यादा मजबूत है, पनगाँव में बने नवीन स्वामी आत्मानंद स्कूल भवन भ्रटाचार की भेंट चढ़ गया है। यह पनगाँव के स्वामी आत्मानंद हिंदी मिडियम हायर सेकंडरी स्कूल भवन को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। विभागीय अधिकारियों व ठेकेदारों की गठजोड़ से भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ रहा है।
स्कूल भवन निर्माण में बड़ा झोल
अब यहां बच्चों की पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है। शिक्षा के मंदिर निर्माण में गड़बड़ी से स्कूल के छात्र भी नाराज हैं। छात्रों ने कहा कि जहां सैकड़ों विद्यार्थी बैठकर पढ़ाई करेंगे, ऐसे निर्माण में गड़बड़ी चिंता का विषय है। जानकारों के अनुसार स्कूल भवन हैंडओवर होने से पहले ही दम तोड़ने लगा था लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। हालांकि इंजिनियर के कहने पर ठेकेदार ने लीपापोती एवं थूक पालिस कर दरारों को छिपा दिया है । लेकिन अब धीरे धीरे स्कूल भवन निर्माण कार्य में किए गए अनियमितता का पोल खुलने लगा है। जगह-जगह दरारें दिखाई पड़ने लगी है। ऐसे में बच्चे कैसे पढ़ेंगे और कैसे बढेंगे, यह बड़ा सवाल है, भविष्य में स्कूली बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। कार्य स्थल पर मौजूद ग्रामीणो ने बताया कि इंजिनियर और विभागीय अधिकारी कार्यस्थल पर आना भी मुनासिब नहीं समझते हैं। मुख्यालय में बैठे -बैठे ही ठेकेदार को क्लीनचिट देकर कार्य की इतिश्री करवा रहे हैं। सूत्र ने बताया कि जब तक उच्च अधिकारियों के द्वारा मामले के जांच टीम गठन होने तक इंजिनियर द्वारा चुपके से ठेकेदार को बोल के दरारो और अन्य अनियमितता को छुपा दिया जाता है उसके बाद जांच टीम द्वारा कार्यस्थल पहुंचकर जांच रिपोर्ट मे लिखा जाता है कि मौका जांच पर सब ठीक है किसी भी प्रकार से दरार और अनियमितता नहीं है और जांच को नस्ती कर दिया जाता है जिस तरह से ठेकेदार के द्वारा मरम्मती कार्य में लीपापोती कर रहे हैं ऐसी स्थिति में आने वाले समय में छात्र एवं छात्राओं के साथ बड़ी दुर्घटना घटित होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। सरकार बच्चों को पढ़ाने के लिए पैसा खर्च करती है, और तमाम तरह की योजनाएं चलाकर उन्हें इस काबिल बनाती है, जिससे बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो सके। लेकिन बच्चों को पढ़ाने के लिये किये जा सके प्रयास उन तक पहुंचने से पहले ही कमीशनखोरी और लापरवाही के चलते पहले ही दम तोड़ रही हैं। बच्चों के लिए बने इस भवन की गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए, ताकि ऐसे कमीशन खोर विभागीय अधिकारियों की आड़ में भवन निर्माण का कार्य कर रहे ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही हो सके।
गरीब वर्ग के लिए बनाया गया स्वामी आत्मानंद स्कूल
करीब 1 करोड़ 17 लाख रुपए से बने की लागत से बने स्वामी आत्मानंद हिंदी मिडियम हायर सेकंडरी स्कूल भवन की दीवारों में दरार पड़ने लगी है। करीब एक साल पहले ही बनने के लिए कार्य प्रारम्भ हुआ था लेकिन भ्रष्टाचार की दीमक ने उसे एक साल भी नहीं हुआ कि खोखला कर दिया। स्कूल की दीवारों में अभी से बड़ी-बड़ी दरारें पड़ने लगी है। इन दरारों को देखने से यह स्पष्ट होता है कि निर्माण कार्य में घोर अनियमितता बरती गई है।आश्चर्य इस बात का है कि जिम्मेदार अफसर अब भी अंजान बने हुए हैं।
*प्रशासन सम्बंधिततो पर कार्यवाही करने को तैयार नहीं*
संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी के कान में जूंह तक नहीं रेंग रहे है। जहा ठेकेदार द्वारा छत का बिना छबाई किये ही दरार पड़े छतों की रिपेरिंग कर पोताई का काम कराया जा रहा है। नवनिर्मित स्वामी आत्मानंद स्कूल भवन में जगह-जगह पर दरारें पड़ चूकी है। जिसको ठेकेदार द्वारा मरम्मत कर छिपाने के लिए पोताई करवाया जा रहा है। वही इस प्रकार गुणवत्ता विहीन काम होने से उक्त स्वामी आत्मानंद स्कूल भवन कभी भी धसककर गिर सकता है। भवन की गुणवत्ताहीन निर्माण से भविष्य में स्कूली बच्चों के लिए यह भवन खतरा बन सकता है। स्वामी आत्मानंद स्कूल भवन एक तरफ बन रही है तो दूसरी तरफ दरारे पड़ रही है, उसी दरारे पड़े छत की हल्की मरम्मत कार्य कराकर बगैर छबाई के ही पोताई का काम करा रहे है। इस प्रकार के घटिया निर्माण उक्त स्वामी आत्मानंद स्कूल भवन का हो रहा है। जिससे भविष्य में पड़ने वाले बच्चों के ऊपर खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीण यांत्रिकीय विभाग की अनदेखी व ठेकेदार द्वारा गुणवत्ताहीन निर्माण सामाग्री का उपयोग कर लापरवाही पूर्वक हाई स्कूल भवन का निर्माण काम कराया जा रहा है।ठेकेदार इंजिनियर व अधिकारी निर्माण कार्य के आड़ में लाखों रूपए अंदर कर लिए। 
 हो रहा सीपेज
भवन का हाल देखने जब मीडियाकर्मी पहुंचे तो पहले सभी कमरों का जायजा लिया गया। जहां देख गया कि अभी से ही पुराने एवं नए भवन दीवारों पर कई दरारें आ गई है। जिसकी मरम्मत भी की गई है। उसके बाद भी बारिश का पानी कमरों के अंदर सीपेज होकर घुस रहा है। भवन निर्माण व मरम्मत के नाम पर महज खानापूर्ति ही की गई। 
 
विश्वसनीय सूत्रों प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले ऐसे इंजिनियर है जो विभाग मे अभियंता कम ठेकेदार के नाम से ज्यादा बहुप्रचलित है और ठेकेदारी के लिए 35से 40लाख रु के एजास्ट मशीन रखे हुए जिनका काम विभाग मे बड़े स्तर के काम को ठेका लेकर ठेकादारी करते हुए स्वयं मूल्यांकन सत्यापन करते है नतीजन काम पूर्ण होने के 6माह या साल भर मे दरारे सिपेज़ या फिर छड़ उड़खने की समस्या देखने को मिलता है फिर भी प्रशासन द्वारा ऐसे इंजिनियर को कार्यवाही करने के बजाय उच्च अधिकारी उनसे व्यक्तिगत काम लेते है जिला पंचायत विभाग मे ऐसे इंजिनियर के नाम का हल्ला है किन्तु उनके ऊपर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है शायद यही वजह है कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम उच्च अधिकारीयों द्वारा किया जाता है तभी ऐसे इंजिनियर के मनोबल को बढ़ावा मिलता है। अब देखने वाली बात होंगी कि खबर प्रकाशन के बाद किस प्रकार से अपना आँखे खोलती है।
जांच चल रही है मैंने जनपद सीईओ को पत्र लिख दी है
आर. आर. महिलांगे
कार्यपालन अभियंता आरईएस विभाग
जिला बलौदाबाजार भाटापारा।