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55 हजार करोड़ का कर्ज़ जहर है तो 85 लाख करोड़ का टानिक कैसे
- By 24hnbc --
- Friday, 23 Dec, 2022
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समाचार -
बिलासपुर, 24 दिसंबर 2022। हमें देश की जनता ने चुन कर भेजा है इसलिए कोई हमारा विरोध कर नहीं सकता, भले ही लोकतंत्र बिना विपक्ष के हो नहीं सकता फिर भी हमें अपना विरोध ना तो सदन में पसंद है ना सड़क पर और साथ ही हमें लोकतंत्र के अन्य आधार न्यायपालिका भी पसंद नहीं है। आर्थिकी हमसे संभालती नहीं है। बिलासपुर में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ सरकार के कर्ज पर कटाक्ष किया उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पर इस समय 55 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है, जो कि राज्य की सेहत को खराब कर रहा है पर वे यह बताना भूल गए या उन्हें पता ही नहीं होगा कि भारत देश में 1947 से 2014 के बीच 55 लाख करोड़ का कर्ज लिया और 2014 से 2022 के बीच 85 लाख करोड़ का कर्ज लिया। एक बार फिर से 47 से 14,55 लाख करोड़ और 14 से 22 मात्र 8 साल में 85 लाख करोड़, 55 हजार करोड़ का कर्ज यदि छत्तीसगढ़ को बीमारू राज्य बनाता है तो डॉक्टर रमन स्वयं ही सोचे कि 85 लाख करोड़ का कर्जा भारत को क्या बना देगा अब आगे चलें....।
समय पूर्व संसद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है उसके पहले 21-22 के बजट पर सप्लीमेंट्री बिल लाया गया बजट 38.38 लाख करोड़ का था। और सप्लीमेंट्री बिल 3.26 लाख करोड़ का पास कराया गया बजट के समय मुद्रास्फीति का जो अनुमान लगाया गया था वह खरा नहीं उतरा। और मार्च के पहले ही सप्लीमेंट्री बिल ले आए। बेरोजगारी कि दर अभी 8% चल रही है सरकार ने 7 लाख जॉब बांटने का इवेंट आयोजित किया पर यह नहीं बताया कि 22 करोड़ एप्लीकेशन 7 लाख नौकरी के अवसरों के विरुद्ध आई थी। सप्लीमेंट्री बिल 3.26 लाख करोड़ का सीधा अर्थ है आपका बजट आपसे संभलता ही नहीं चाहे मुद्रास्फीति को दोष दें या अपने वित्तीय प्रबंधन को आपसे स्थितियां भरने के बाहर है। केंद्र सरकार भले ही अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 8% बताएं पर आई एस एफ में 5.1% का ही है सब समझ रहे हैं हमारी खरीदने की शक्ति लगातार घट रही है। जिसे यह बात जांच ना हो वह जीएसटी के राज्यवार डाटा देख ले दिल्ली, मुंबई से पीछे है उत्तर प्रदेश की हालत खराब है मध्य प्रदेश की हालत खराब है कहने का अर्थ पूरे देश में आम आदमी की थाली से अनाज गायब हो रहा है ऐसे में देश के नेता मोटा अनाज और बोरे बासी खाने की बात करके जनता को भ्रम में ना डालें और यदि डाल रहे हैं तो जनता का दायित्व है कि वह सच्चाई से अवगत हो और मीडिया का दायित्व है नेताओं को सच्चा आइना दिखाना जो लोग नेताओं को सच ना बताएं और इवेंट का जयकारा करें वे सच से कब तक मुंह मोड़ लेंगे भले ही उन्हें मोटे चावल के साथ एक कटोरी गाजर का हलवा परोसा जाए, पर पेट तो अलग से ही भरेगा गाजर का हलवा 365 दिन ना तो मिल सकता है ना ही खाया जा सकता है।