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सीमेंट के दो कारखाना बंद, क्या हैं संकेत

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समाचार -
बिलासपुर, 19 दिसंबर 2022। कोई भी बड़ा व्यापारी भले ही वह देश का सबसे धनवान व्यक्ति हो घाटा खाना नहीं चाहता तभी तो अडानी ने हिमाचल में अपना अंबुजा और एसीसी सीमेंट कारखाना बंद कर दिया। भारत के 8 कोर सेक्टर में शामिल सीमेंट उद्योग का ग्रोथ इन दिनों नकारात्मक 4.5% चल रहा है। शायद भक्त तो अभी भी नहीं समझेंगे की देश की अर्थव्यवस्था का ऐसा बंटाधार हुआ है जिसे संभाल लेना अब ना तो सरकार की क्षमता में है ना कारपोरेट की क्षमता में, इन दिनों एलसीएलटी के पास 1 - 2 नहीं 100 - 200 नहीं 3000 कंपनियां दिवालिया होने के लिए खड़ी हैं। उन्होंने करोड़ों का कर्ज लिया और दिवालिया कानून के जरिए 10% कर लौटा कर निश्चिंत हो जाना चाहते हैं। सीईओ साहब ने 10 लाख करोड़ रुपए का कर्ज रिटर्न ऑफ किया है हद तो यह है कि अभी इसी छमाही में 9000 करोड़ का कर्ज और माफ किया गया है। सीमेंट सेक्टर को अधोसंरचना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला क्षेत्र माना जाता है ऐसे में हिमाचल प्रदेश की 2 फैक्ट्री वह भी देश के सबसे धनी व्यक्ति की बंद हो जाए तो बाजार का सिकुड़ना समझ आता है। बंद होने का जो कारण बताया गया है वह है ट्रांसपोर्टेशन सीमेंट डोलाई करने वाले ट्रक ऑपरेटर्स ने रेट संशोधन की मांग की ₹10 प्रति टन प्रति किलोमीटर मांग रहे हैं कंपनी 5.58 पर अड़ी है अब आप कल्पना करो कि पिछले 6 महीने में रिफाइनरी और क्रूड ऑयल की ग्रोथ रेट -2.2 और -3.1 है। ट्रांसपोर्टेशन का कहना है कि सरकार तो आपकी है तेल की कीमत कम करा दें पर उद्योगपति को तेल की कीमत कम कराने से अच्छा फैक्ट्री में ताला डालना लगा। प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से 25000 परिवार इस ताले बंदी से प्रभावित होंगे। मोनोपली का यही नुकसान है कर्ज लेकर आप उत्पादन तो कर सकते हैं पर कर्ज लेकर उपभोक्ता खड़ा नहीं कर सकते उपभोक्ता खड़ा करने के लिए रोजगार देना होता है और अधिक से अधिक लोगों के हाथ में पैसे को घुमाना पड़ता है जो कि पिछले 8 साल से बंद है। कई लाख लोगों की नौकरियां छिनी जा चुकी हैं और जिन की बची है उनकी तनख्वाह बढ़ाई गई है कहते हैं वेतन बढ़ गया पर यह नहीं बताते की कितने लोगों की नौकरियां खत्म करके कितने लोगों का वेतन बढ़ाया। अदानी समूह के छह कंपनियां सूचीबद्ध है पहला अडानी पोर्ट जिसका कर्ज 34000 करोड़ से बढ़कर 45 हजार करोड़ हो गया अदानी ट्रांसमिशन 28 से बढ़कर 30 हो गया। अदानी एंटरप्राइजेज 16000 से 41000 करोड अदानीग्रीन 23 से 52000 करोड़ अदानी गैस 488 करोड़ से बढ़कर 1009 करोड़ अब अंदाज लगा ले कि भरपूर कर्ज लेकर ग्रोथ दिखाई गई है पर अब देश का 8 कोर सेक्टर घाटे में हैं। सीमेंट में तो नकारात्मक ग्रोथ 4.5% की है यहां तक कि गैस में भी -4.2% की ग्रोथ है ऐसे में हिमाचल प्रदेश की तालाबंदी धीरे-धीरे पहाड़ से नीचे भी आएगी और उद्योगपतियों को यह संदेश कि हम चुनाव जीतना जानते हैं इसलिए आप सिर्फ हमें ही पैसा देंगे गलत पड़ने वाली है। प्रतिस्पर्धा हर हालत में हर जगह जरूरी है ।