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सट्टे की सटासट 3 दिन और भारत जीते या हारे अधिकारियों के चेहरे पर स्माइल

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समाचार :-
बिलासपुर, 8 नवंबर 2022। 9,10,13 बिलासपुर संभाग में सट्टे की सटासट रहने वाली है आखिरकार क्यों ना हो हमारे पड़ोस का जिला सक्ति सट्टे की राजधानी जो है । भारत-पाकिस्तान के ग्रुप मैच में तो यहां 50 करोड़ के दाव लगे थे। सूत्रों की माने तो 439 लोगों ने सट्टे पर दांव लगाया, 35 लोगों ने 20 से ₹25000 जीता 404 लोगों का करोड़ों का घाटा सीधा फायदा सट्टा खाईवालों को है। आप कहेंगे सट्टा सक्ति में बिलासपुर को क्या. .... तो पूरा सुने सक्ति में सट्टा के 5 बुकिं रायपुर से हैं। वही 10 खाईवाल बिलासपुर से हैं। अब समझ में आया ना सक्ति का बिलासपुर संबंध रोजी रोटी का है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सट्टे पर सख्ती की बात कही है पर सक्ति में सख्ती संभव नहीं है। बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नारे के तहत सट्टे की कमाई को देखते हुए महिलाएं भी खाईवाल के खेल में उतर गई हैं। अभी तक जमीन दलाली, कबाड़ का काम, लेबर ठेकेदारी में महिलाओं का दबदबा सुनाई देता था। नए फील्ड में महिलाओं ने कमाई देखते हुए हाथ डाल दिया है। सक्ति 20-20 के सट्टे में 3 महिलाएं गद्दी संभाल रही है। 20-20 के सट्टे में पहले महादेव ऐप की चर्चा हुई। पता चला असली सटोरिया तो अरब में जाकर बैठा है, हाईटेक सट्टे की बात आई युवा पहले एसयूवी खरीद कर चर्चित हो जाते थे अब समाज में सफल उसे ही माना जाता है जो एसयूवी के अतिरिक्त समय समय पर विदेश भ्रमण करें, इस लिहाज से बिलासपुर की मुखबिरी पिछड़ गई वे महंगी एसयूवी वालों पर नजर रखे रहे और विदेश यात्रा करने वाले युवाओं पर नजर चूक गई या उन्हें सम्मानित मान लिया गया यह पता ही नहीं चला कि विदेश बार-बार आने जाने के पीछे सट्टा मुख्य वजह है। हालांकि अब तीन मैच के बाद सट्टे के उफान पर थोड़ा ब्रेक लगेगा क्योंकि भारत का इंग्लैंड दौरा सीरीज है और सीरीज पर सट्टे की सटासट उतनी तेज नहीं होती। कुछ लोग सट्टे की चमक में मलाई एस एच ओ स्तर पर निपट ही बताते हैं कुछ इसे अधीक्षक तक ले जाते हैं जबकि जानकार कहते हैं भाई कद्दू करता है तो जोन मुख्यालय तक जाता है।