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शाह तो बिलासपुर में कह गए थे अबकी बार 80 पार
- By 24hnbc --
- Friday, 15 Jul, 2022
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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर । जिन लोगों को ज्योतिष में विश्वास है और भक्त भविष्यवाणी को सांकेतिक रूप से समझते हैं वह लोग तो छत्तीसगढ़ के पिछले विधानसभा चुनाव जो 2017 में हुआ था के समय ही समझ गए थे की डॉलर के मुकाबले रुपए 80 पार करेगा और यह भविष्यवाणी किसी छोटे मोटे आदमी की नहीं थी यह भविष्यवाणी थी भारतीय जनता पार्टी के उस समय के राष्ट्रीय अध्यक्ष के, की स्थान था बिलासपुर और जगह थी साइंस कॉलेज का मैदान तब अमित शाह ने भाषण में कहा अब की बार 80 पार लोग समझे कि माननीय छत्तीसगढ़ के विधानसभा की सदस्य संख्या 90 है और भाजपा इस बार 80 से ज्यादा सीटों पर चुनाव जीतना चाहती है । असल में बाजार वाले भी नहीं पकड़ सके कि भाषण देने वाला ज्योतिष की शक्ल में नास्त्रेदमस के समान बता रहा है कि अबकी बार हमारे नेतृत्व में भारत का रुपए 80 पार कर जाएगा और ऐसा हो गया। रुपए 80 पार चला गया तो क्या हुआ याद करें अभी भी भाजपा का शंख पांचजन्य बज नहीं रहा अन्यथा 2013 में तो इसका बैनर आइटम ही रुपए की कीमत था। अटल बिहारी काल में रुपए डॉलर के मुकाबले ₹3 बढ़ा, मनमोहन के 10 साल में 13 रुपए कमजोर हुआ भाजपा के अनुसार वो ना बोलने वाला प्रधानमंत्री था। और बोलने वाले प्रधानमंत्री के 8 साल के कार्यकाल में ₹22 टूटा । थोक महंगाई लगातार तीसरे माह डबल डिजिट में है खुदरा महंगाई 7.1% है। भाजपा समर्थक अमेरिका , जर्मनी, ब्रिटेन जैसे बड़ी अर्थव्यवस्था का उदाहरण देकर कहते हैं कि उन देशों में महंगाई दर हमसे ज्यादा है और इटली, फ्रांस, दक्षिण, अफ्रीका, इंडोनेशिया चीन, जापान की तरफ नहीं देखते जहां पर महंगाई दर 5% से नीचे चल रही है चीन में 2.5 जापान में 1.5 है । भारत को सोचना चाहिए कि हमारे देश में न्यूनतम जरूरतों के साथ जीने वाली जनता करोड़ों में हैं। भूखे रहने वालों की संख्या में 22 करोड़ के साथ भारत टॉप पर है ऐसे में मेक इन इंडिया का नारा लगाते हुए हम अपना व्यापार घाटा देखें। मई माह में 24 मिलियन डॉलर, अप्रैल में 20 और जून में 26 मिलियन डॉलर के घाटे के साथ इसका टोटल कर ले हमारे देश को 3 महीने में 563410 करोड का व्यापार घाटा हुआ है। और इतने बड़े व्यापार घाटे के साथ विदेशी निवेशकों ने एक ही दिन में वह भी मात्र 4 घंटे में 2840 करोड़ों रुपए निकाल लिया यह समझा जा सकता है कि आने वाला समय हमारे लिए कितना खतरनाक है इसके बावजूद हमारे देश की टॉप वॉच संस्था सीएजी ने कोई रिपोर्ट नहीं रखी 2015 में इसकी आडिट संस्था ने 55 रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, 2017 में 8, 2020 में 14 और 2019 में 0 आखिर जिन्हें हिसाब किताब बताना है संसद में अपनी रिपोर्ट रखनी है उन्हें आज कल सांप क्यों सूंघ गया है क्या अर्थव्यवस्था इतने स्वचालित मोड में है और सब कुछ ठीक चल रहा है। आयात निर्यात के अंतर को समझें इन दिनों हम कोयले का आयात जबरदस्त तरीके से कर रहे हैं कोल आयात 266% वृद्धि हुई है। गोल्ड के साथ सिल्वर का भी आयात बड़ा है तब भी भक्तों को हरा हरा सूझ रहा है, कहावत भी है कि सावन के अंधे को सब कुछ हरा हरा दिखता है और सावन चल भी रहा है।