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भाजपा उफान पर, कर्ज के रसातल में भारत
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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। देश जिस सांप्रदायिक कटुता से गुजर रहा है तमाम मीडिया प्लेटफार्म पर जिस तरह से किसी विषय को लेकर वार, प्रहार हो रहे हैं या असल कहे कराए जा रहे हैं उससे देश की अर्थव्यवस्था जो रसातल में जा रही है और देश और इसके नागरिक जिस तरह मंदी में फंसने वाले हैं उनका कोई बचाओ नहीं होने वाला, किसी का धर्म मंदी से इस देश को नहीं बचाएगा कब सब याद करेंगे कि धर्म ऐसी अफीम है जिसके चाटने मात्र से जीवन अस्थिर हो जाता है । 2014 से 2022 के बीच में सरकार ने 100 लाख करोड़ का कर्ज ले लिया है रुपए कहां से आएगा पहले बेचो न बीके तो गिरवी रख दो 2014 में 53 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था और आज 133 लाख करोड़ का कर्ज है। पिछले 3 माह में 5 लाख करोड़ का कर्ज लिया गया है जिस मात्रा से सरकार कर्ज ले रही है उसका हिसाब लगाएं तो मार्च 2023 तक देश पर 155 लाख करोड़ का कर्ज हो जाएगा हमारे आयात निर्यात के बीच जो अंतर बढ़ रहा है उससे हमारी अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है हम उत्पादन कुछ कर नहीं रहे हैं केवल आयात से हमारा गुजारा हो रहा है। आज हमारी अर्थव्यवस्था उस 2008 की नहीं है जब मध्यम वर्ग और कृषि क्षेत्र ने मंदी को रोक लिया था। इस समय शेयर मार्केट का यह हाल है की मात्र जून महीने में विदेशी निवेशकों ने 2 लाख करोड रुपए बाजार से निकाल लिया। जब मंदी आती है कर्ज चुकाना और कठिन हो जाता है और यही कर्ज बैड लोन में बढ़ता है। बड़ी कंपनियां दिवालिया हो जाती है रोजगार खत्म होते हैं ऊर्जा की आपूर्ति बाधित होती है उर्जा महंगी हो जाती है महंगाई बढ़ती है और यह सब लक्षण हमारे यहां दिखाई दे रहे हैं आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च 2022 तक हमारे ऊपर 133 लाख करोड़ का कर्ज था। जून माह में विदेशी निवेशकों ने 2 लाख 70 हजार 358 करोड़ रुपए निकाले, तुम नूपुर पर चर्चा करो...... सपना को देखो और तुम्हारे पैर के नीचे से तुम्हारी पूरी अर्थव्यवस्था ढह गई है और इस कारवा के लूटने की जिम्मेदारी कोई नहीं लेता क्योंकि यह दौर वह दौर है जब जिम्मेदारी तो किसी की होती ही नहीं है उदाहरण के रूप में मनरेगा 98 हजार करोड़ का बजट अब घटकर 73 हजार करोड हो गया। आंगनवाड़ी यह 20 हजार करोड़ था जिसे 1% बढ़ाया गया किंतु इस बीच महंगाई 5 से 6% बढ़ गई तो इसे क्या कहें इसी तरह हेल्थ के क्षेत्र में 88 हजार करोड़ का बजट 87 हजार करोड में बदल गया शिक्षा क्षेत्र में 88 से बढ़कर 1 लाख 4 हजार करोड़ हुआ पर इसका सिर्फ 10 से 12 हजार करोड़ रुपए छात्रों के हक में आता है शेष वेतन पेंशन भवन रखरखाव में खर्च होता है तब हम कैसे विश्व गुरु सब्सिडी का हाल भी जान लें कृषि क्षेत्र में सब्सिडी 8% कम हुई है फर्टिलाइजर में 25% कम हुई है ऊर्जा में 11% कम हुई है जीएसटी कलेक्शन बड़ा लेने से कुछ हासिल नहीं होने वाला वह तो आम आदमियों से वसूला जा रहा है। कारपोरेट क्षेत्र में छूट क्यों दी गई लोन माफी का मजा तो बड़े उद्योगों ने ही पाया 2008 में हमारा नेतृत्व अमेरिका को गर्व से कहता था 5000000 रोजगार तो हम आपको दे देंगे आज क्या हम यह कहने की स्थिति में हैं नहीं हमारे आर्थिक सुधारों ने हमको बर्बादी के कगार पर खड़ा कर दिया है हमारी सरकारी बैंकों का एनपीए 7.6 से बढ़कर 10.5 तक आ गया है जबकि पूर्व में यह 4.5 पर था यही हाल निजी क्षेत्र के बैंकों का है अब वहां भी एनपीए 5.7% है बैंक सुधार कोई मतलब के नहीं निकले एक वाक्य में कहें तो उफान पर भाजपा कर्ज में भारत व्यापार घटा बढ़कर 25.03 अरब डालर हो गया यही हाल रहा तो इस आंकड़े को अंको में लिखना मुश्किल हो जाएगा जहां हमारा निर्यात 16.8% है आयात 51% है यह अंतर लगातार बढ़ रहा है कोयले का आयात 3 गुना बड़ा है पेट्रोलियम पदार्थ में आयात 94.2 प्रतिशत है चालू व्यापार घटा 30 अरब डॉलर का हो गया है पिछली तिमाही में 13 अरब डालर का था हमारा नेतृत्व में जिस 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का सपना दिखा रहा है तो हम जान लें कि अभी हम 2.73 ट्रिलियन पर खड़े हैं और हाफ रहे हैं 6 वें नंबर पर हैं इस सब के बावजूद हमारी चर्चा का विषय कभी भी आने वाली मंदी उसकी तैयारी, डूबती अर्थव्यवस्था, लड़खड़ा का शेयर बाजार, बढ़ती बेरोजगारी जैसे विषय नहीं होते हमारी गोदी मीडिया को नूपुर, सपना, मोइत्रा, धर्म, सांप्रदायिकताा, हमला, प्रहार फसो फसाओंं, पुलिस पुलिस, ज्ञान व्यापी, मथुरा, ताज, कुतुब जैसे विषय रुचिकर लगते हैं क्योंकि यह बहस हमें किसी परिणाम पर नहीं ले जाती। अर्थव्यवस्था जिस तेजी से नीचे लुढ़क रही है उसमें हमारा डूब जाना तय है ऐसे में धर्म धर्म सांप्रदायिकता का जहर और शिव की कल्पना हमें अच्छी लगती है क्योंकि हम ऐसा मान लेते हैं कि जब कभी भी अत्यधिक अंधकार होगा हमें बचाने अवतार आएगा ऐसे में हम आम आदमी को बचने की कोई कल्पना ही नहीं है और हम अवतार का इंतजार कर रहे हैं कई लोग तो अवतरित हो जाने का दावा भी कर रहे हैं.. ।